Meerut News: पर्यटन को कैसे मिलेगा बढ़ावा! अधर में लटकी हस्तिनापुर को श्रीकृष्ण सर्किट से जोड़ने की कवायद

Meerut News: वेस्ट यूपी को पर्यटन हब बनाने के लिए पहले चरण में कृष्ण सर्किट, बुद्ध सर्किट और रामायण सर्किट विकसित किया जा रहा है। लेकिन, अभी तक भी हस्तिनापुर को श्रीकृष्ण सर्किट से जोड़ने की कवायद जमीं पर नहीं उतर पाई है।

Update:2023-09-06 18:38 IST
अधर में लटकी हस्तिनापुर को श्रीकृष्ण सर्किट से जोड़ने की कवायद: Photo-Newstrack

Meerut News: कुरु वंश की राजधानी रहा हस्तिनापुर दशकों से श्रीकृष्ण सर्किट से जुड़कर अपने उद्धार का इंतजार कर रहा है। बता दें कि करीब पांच साल पूर्व प्रदेश की तत्कालीन पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा ने मेरठ यात्रा के दौरान कहा था कि वेस्ट यूपी को पर्यटन हब बनाने के लिए पहले चरण में कृष्ण सर्किट, बुद्ध सर्किट और रामायण सर्किट विकसित किया जा रहा है। तब से सरकार इस योजना पर काम कर रही है। लेकिन, अभी तक भी हस्तिनापुर को श्रीकृष्ण सर्किट से जोड़ने की कवायद जमीं पर नहीं उतर पाई है।

हस्तिनापुर को द्रौपदी श्रापित बताकर उपेक्षित कर दिया गया

चुनावी मौके पर हर बार यहां यही सवाल उठाया जाता है कि छह फरवरी 1949 को चंडीगढ़ और हस्तिनापुर की नींव एक साथ पड़ी, लेकिन चंडीगढ़ कहां पहुंच गया। जबकि हस्तिनापुर को द्रौपदी श्रापित बताकर उपेक्षित कर दिया गया। यहां के टेक्सटाइल उद्योग को खत्म किया गया। विभिन्न सरकारों में हस्तिनापुर के उत्थान को लेकर आश्वासन भी मिले, लेकिन, धरातल पर हुआ कुछ नहीं।

लोकसभा में उठा था मामला

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान श्रीकृष्ण सर्किट में हस्तिनापुर को जोड़े जाने की मांग कर चुके मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल का तो यहां तक कहना है कि हस्तिनापुर के बिना श्रीकृष्ण सर्किट पूर्ण हो ही नहीं सकता है। सांसद का कहना है कि हस्तिनापुर का भगवान श्रीकृष्ण के संपूर्ण जीवन में काफी महत्व है। श्रीकृष्ण सर्किट में हस्तिनापुर में विकास और निर्माण का मामला प्रदेश सरकार के स्तर से होना है। वहीं, हस्तिनापुर विधायक एवं प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेश खटीक ने भी बताया कि डीएम की अध्यक्षता में हस्तिनापुर के विकास के लिए प्रस्ताव बनाया गया है, जिसके अवलोकन के बाद राज्य सरकार इसे केंद्र में भेज देगी।

श्रीकृष्ण सर्किट से जुड़ा तो मिलेगी वैश्विक पहचान

बता दें कि केंद्र सरकार की कृष्ण सर्किट विकास योजना में शामिल कर गुजरात की द्वारका, नाथ द्वार जयपुर, सीकर, कुरुक्षेत्र, मथुरा, गोकुल, बरसाना, नंदगांव तथा गोवर्धन का विकास हो रहा है। इतिहासकार डा. अमित पाठक कहते हैं कि श्रीकृष्ण सर्किट जुड़ने के बाद हस्तिनापुर, मेरठ, बागपत आदि के क्षेत्र को अब विश्व का एक बड़ा समुदाय जान सकेगा।

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