प्राइवेट लैब का कारनामा: कोरोना जांच में नेगेटिव को बताया पॉजिटिव, खतरे में जान
उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक अलग ही मामला सामने आया है जहां प्राइवेट लैब अपनी जांच में लोगों को कोरोना पॉजिटिव बनाकर उनकी जान जोखिम में डाल रही थी तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने शक होने पर जांच कराई तो वह जांच नेगेटिव निकली जिसके बाद मेरठ जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए लैब का लाइसेंस निरस्त करने के लिए शासन तक पूरा मामला पहुंचा दिया है।
मेरठ: देश भर में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक अलग ही मामला सामने आया है जहां प्राइवेट लैब अपनी जांच में लोगों को कोरोना पॉजिटिव बनाकर उनकी जान जोखिम में डाल रही थी तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने शक होने पर जांच कराई तो वह जांच नेगेटिव निकली जिसके बाद मेरठ जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए लैब का लाइसेंस निरस्त करने के लिए शासन तक पूरा मामला पहुंचा दिया है।
सरकारी लैब में पॉजिटिव सैंपल निकले नेगेटिव
उत्तरप्रदेश के जनपद मेरठ में कोरोना वायरस यानी कोविड-19 की जांच में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि मेरठ डीएम अनिल ढींगरा ने खुद यह गड़बड़ी पकड़ी। लैब में नेगेटिव सैंपल को भी पॉजिटिव बता दिया गया था। सरकारी लैब में ये सभी सैंपल नेगेटिव निकले हैं। अब डीएम मेरठ ने लैब का लाइसेंस रद्द करने की रिपोर्ट शासन को भेजी है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब मेरठ के टोटल केस की संख्या भी कम की जाएगी।
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लैब का लाइसेंस रद्द
आपको बता दें कि गुरुग्राम की मॉर्डन लैब की एक ब्रांच मेरठ में भी है। यहां कोरोना जांच की जा रही है। यहां अब तक 1253 सैम्पल की जांच हुई। 24 पॉजिटिव पाए गए। बताया जा रहा है कि एक पॉजिटिव केस में डीएम को शक हुआ, इसके बाद उसका सैंपल सरकारी लैब में टेस्ट किया गया जहां वह नेगेटिव निकला। प्राइवेट लैब से पॉजिटिव आए आठ सैंपल दोबारा जांच के लिए सरकारी लैब में भेजे गए थे, इनमें से 6 नेगेटिव निकले हैं। अब डीएम ने लैब का लाइसेंस रद्द करवाने की तैयारी कर ली है।
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माडर्न लैब में कोविड 19 की जांच के मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसकी जांच कराई जा रही ,है जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लैब का लाइसेंस निरस्त करवाने के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। पूरे मामले में सीएमओ से भी रिपोर्ट मांगी गई है।