PM के गोद लिए गांवों को तोहफा, घर बैठे मिलेगा महिलाओं को रोजगार और बाजार
चरखे पर सरकार की तरफ से 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। महिलाओं को कच्चा माल यानी पुनी भी इनके दरवाजे पर पहुंच जाएगा और तैयार माल घरों से ही उठाया जाएगा। उनकी मजदूरी की रकम जनधन, जीवन ज्योति, जीवन सुरक्षा और अटल सुरक्षा के माध्यम से मिलेगी।
वाराणसी: प्रधानमन्त्री रोजगार गारंटी योजना अब घर घर दस्तक देगी और काशी की महिलाओं को अब घर बैठे रोजगार मिलेगा। सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्यम मंत्रालय के राज्य मंत्री गिरिराज सिंह इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री के गोद लिए गांव जयापुर, नागेपुर और ककरहिया से करने जा रहे हैं। यह योजना भारतीय माइक्रो क्रेडिट की सिस्टर कन्सर्न भारतीय हरित खादी के तत्वावधान में लागू की जायेगी।
तीन चरणों में शुरुआत
-भारतीय हरित खादी द्वारा संचालित कार्यक्रम की शुरुआत जयापुर से होकर नागेपुर और ककरहिया तक महिलाओं को लाभ पहुंचाएगी।
-पहले चरण में लगभग पांच हजार चरखों का वितरण किया जाएगा। इसके बाद दो अन्य चरणों में पन्द्रह हजार सोलर चरखे बांटे जाएंगे।
घर बैठे सब कुछ
-घर की महिलाओं द्वारा घर में ही बैठे बैठे तैयार किये गए माल को देश के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार भी मिलेगा।
-सोलर चरखे की कुल कीमत 39 हजार रुपए है। इसमें चरखे की कीमत 19 हजार और सोलर पैनल की कीमत 20 हजार है।
-चरखे पर सरकार की तरफ से 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। बाकी रकम इनकी मजदूरी से थोड़ी थोड़ी काटी जाएगी।
-महिलाओं को कच्चा माल यानी पुनी लेने कहीं नहीं जाना होगा। कच्चा माल भी इनके दरवाजे पर पहुंच जाएगा और तैयार माल घरों से ही उठाया जाएगा।
-काम करने वाली महिलाओं को उनकी मजदूरी की रकम जनधन, जीवन ज्योति, जीवन सुरक्षा और अटल सुरक्षा के माध्यम से मिलेगी।
बुनकरों के लिए भी स्कीम
-लाभार्थी महिलाओं को सबसे पहले 90 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद इन्हें चरखे दिए जाएंगे। शुरुआत में इसके लिए कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।
-वाराणसी के कुल 440 गांवों में इस तरह के कार्यक्रम चलाकर चरखों का वितरण किया जाएगा।
-भारतीय हरित खादी के प्रबंध निदेशक विजय पांडे ने बताया की प्रधानमंत्री एवं सूक्ष्म उद्यम मंत्री के इस प्रोजेक्ट के बाद बुनकरों के लिए कार्यक्रम लाएंगे।
-इसके तहत बुनकरों के लिए गांवों में सोलर लूम, डाइंग, वेजिटेबल कलरिंग और स्टिचिंग प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।
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