जांच में गलत पाया गया कानपुर देहात में मिड डे मील का वीडियो

रिपोर्ट में महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि जिस दिन छात्रों को ख़राब रोटी देने की बात बताई जा रही है, उस दिन मेन्यू में रोटी नहीं, बल्कि तहरी दी जाती है, जाँच रिपोर्ट के मुताबिक़ चलनी में रखे चोकर के आधार पर ये धारणा बना ली गई कि आटा ख़रा

Update: 2019-12-02 14:40 GMT

लखनऊ। कानपुर देहात में कुछ समाचार चैनलों पर चली मिड डे मील खराबी की खबर चली थी। शासन स्तर पर इसे गंभीरता से लेते हुए जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में यह खबर गलत साबित हुई है। रिपोर्ट में महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि जिस दिन छात्रों को ख़राब रोटी देने की बात बताई जा रही है, उस दिन मेन्यू में रोटी नहीं, बल्कि तहरी दी जाती है, जाँच रिपोर्ट के मुताबिक़ चलनी में रखे चोकर के आधार पर ये धारणा बना ली गई कि आटा ख़राब था।

ग्राम मदियापुर विकास खण्ड राजपुर तहसील सिकन्दरा कानपुर देहात स्थित प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय जो एक ही प्रांगण में स्थित है, में संचालित मिड डे मील (एमडीएम) की खण्ड शिक्षाधिकारी राजपुर एवं तहसीलदार सिकन्दरा द्वारा संयुक्त रूप से स्थलीय जांच की गयी।

जांच के समय प्रधानाध्यापक महेन्द्र सिंह उ.प्रा.वि. मदियापुर व राजेश कुमार प्र.अ. प्राथमिक विद्यालय व ज्योति राय सहायक अध्यापक और शिक्षामित्र उपस्थित थे। मौके पर लगभग तीन किलोग्राम आटा स्टील की टंकी में रखा हुआ पाया गया, जो पूर्ण रूप से साफ था। उसमें कोई कीड़ा आदि नहीं था।

अधिकारियों को जांच में प्राथमिक विद्यालय मदियापुर के कक्ष में लगभग 74 किलोग्राम चावल एवं लगभग 125 किलोग्राम गेंहू मौके पर रखा मिला, जिसकी गुणवत्ता सामान्यतः सही थी।

विद्यालय में मिड डे मील के तहत रोटी सब्जी व मौसमी फल मीनू के अनुसार बच्चों को वितरण किया गया। जिसकी पुष्टि बच्चों से भी की गयी। मौके पर उपस्थित ग्रामवासियों व बच्चों के अभिभावकों से मिड डे मील के तहत दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता के सम्बन्ध में पूछताछ की गयी। जिसमें उनके द्वारा भी बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील की गुणवत्ता के सम्बन्ध में कोई शिकायत नहीं की गयी।

मिड डे मील को लेकर वायरल वीडियो के सम्बन्ध में विद्यालय के उपस्थित स्टाफ से जानकारी की गयी, जिसमें अवगत कराया गया कि 29 नवंबर को 6 किलोग्राम आटा स्टील की टंकी में छना हुआ रखा था। आटे का छना हुआ चोकर अलग थैले में छन्नी सहित रखा हुआ था। चोकर में कुछ पाई (कीडे) थे, जो छन्नी में भी आ गये।

उसी समय कुछ पत्रकार विद्यालय में आये, विद्यालय की रसोईयां ने जल्दबाजी में छन्नी को जिसमें कुछ चोकर भी था, उसको आटे की टंकी में डाल दिया। जिससे आटे में भी कुछ पाई (कीडे) चलने लगे, जिसका पत्रकारों द्वारा वीडियो बनाया गया। मीनू अनुसार उक्त तिथि यानी शुक्रवार 29 नवंबर को तहरी का वितरण किया जाना था। इस तरह से यह खबर गलत साबित हुई है जिसका वीडियो भी चलाया गया।

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