विकास के मददगारः हुआ तीन लोगों पर खुलासा, एनकाउंटर न होने की दी थी गारंटी

विकास दुबे कानपुर एनकाउंटर के बाद यूपी , हरियाणा और फिर मध्य प्रदेश तक पहुँच गया। सवाल ये हैं किन लोगों ने उसका पुलिस से बचने में साथ दिया?

Update: 2020-07-11 03:52 GMT

लखनऊ: गैंगेस्टर विकास दुबे का कल बीती शाम अंतिम संस्कार हो गया और इसी के साथ उसकी स्टोरी के चैप्टर का दी एन्ड हो गया लेकिन 2 जुलाई की रात कानपुर एनकाउंटर के बाद फरार हुए विकास को 8 जुलाई तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। इस दौरान वह यूपी , हरियाणा और फिर मध्य प्रदेश तक पहुँच गया। सवाल ये हैं किन लोगों ने उसका पुलिस से बचने में साथ दिया?

मंत्री, कारोबारी और वकील की मदद से 7 दिनों तक छिपा रहा विकास

दरअसल, इतने दिनों से फरार विकास दुबे नेताओं की मदद से घूमता रहा। उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद उससे 8 घंटे पूछताछ चली। इस दौरान विकास दुबे ने कई बड़े खुलासे किये। विकास ने बताया कि एक मंत्री ने उसको शरण दी। कारोबारी और वकील का नाम भी सामने आया। इन लोगों ने उसे पुलिस के शिकंजे से बचाने की कोई कसर नहीं छोड़ी।

कई नेताओं का संरक्षण, मदद से राज्यों में घूमता रहा विकास

वकील ने उसे सरेंडर की सलाह दी। प्लान बना कर विकास को महाकाल मंदिर तक पहुँचाया गया, जहां उसने गिरफ्तारी दी। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, विकास के यूपी, मध्य प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों के नेताओं से संबंध थे। इन्हीं कॉन्टेक्ट्स का इस्तेमाल उसने आपराधिक गतिविधियों में किया। यहीं कारण हैं कि इतने सालों में वह अब तक बचता आया।

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योजना के तहत महाकाल मंदिर में कराया गया सरेंडर

सूत्रों की माने तो एक मंत्री ने इस पूरे प्रकरण में विकास का साथ दिया। मंत्री ने विकास को भरोसा दिलाया था कि वे उसे बचा लेंगे। विकास मंत्री के भरोसे पर आश्वस्त था और विकास के दिमाग से एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक भागता रहा। सूत्रों के मुताबिक, एमपी के एक बड़े शराब कारोबारी ने भी इसका साथ दिया।

सरेंडर पर विकास को मिली थी एनकाउंटर न होने की गारंटी

सूत्रों के मुताबिक, विकास से कहा गया था कि उसे एनकाउंटर से बचा लिया जाएगा। ऐसे में उसे कोर्ट या सार्वजनिक तौर पर सरेंडर करना होगा। ताकि मीडिया तक ये बात वायरल हो जाए। विकास कोर्ट में सरेंडर को लेकर डरा हुआ था। इसपर उसे किसी दूसरे राज्य में जाकर सार्वजनिक गिऱफ्तारी देने को कहा गया। योजना के तहत विकास उज्जैन पहुंचा। कहा जा रहा है कि साथी मंत्री का एमपी में दबदबा है। इसलिए एमपी का महाकाल मंदिर चुना गया। उसकी सबके सामने गिरफ्तारी हुई।

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