UP News: फिर चर्चा में बंगला नंबर 6, आखिर यहां क्यों रहने से कतराते हैं मंत्री और अफसर? जानिए अब यह किसकी बढ़ा रहा है मुश्किलें

Lucknow News: इस बंगला नंबर 6 के बारे में कहा जाता है कि जो भी इस बंगले में रहा वह दोबारा विधायक नहीं बना। अब यह बंगला एक फिर चर्चा में है।

Update: 2023-04-25 15:39 GMT

Lucknow News: आज हम आपको बंगला नंबर 6 के बारे में बताने जा रहे हैं। यह वह बंगला है जो अक्सर अपने किसी न किसी कारण से चर्चा में रहता है। इस बंगले के बारे में कहा जाता है कि जो भी यहां रहता है, उसका ग्राफ नीचे की ओर गिरता ही जाता है। अभी तक जो भी इस बंगले में रहा वह ऊपर की बजाए नीचे ही चलता चला गया है। आखिर इस बंगले में क्या है कि कोई यहां टिक नहीं पाता? यह तो कोई नहीं बता सकता । लेकिन इतना कहा जाता है कि यह बंगला शुभ नहीं है।

...यहां रहने से कतराते हैं मंत्री और नेता-

जिस भी मंत्री या अफसर को बंगला नंबर 6 आवंटन करने की बात कही जाती है तो वह इसको लेने से बचता ही है। मतलब साफ है कि मंत्री और नेता इस बंगले में रहने से कतराते हैं। हम यहां उस बंगला नंबर 6 की बात कर रहे हैं, जिस बंगले को लेकर कालीदास मार्ग अक्सर चर्चा में रहता है। 5 कालीदास मार्ग मुख्यमंत्री का बंगला है और इसी के बगल में बंगला नंबर 6 है। जो अक्सर चर्चा में रहता है। इस बार यह बंगला योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी को लेकर चर्चा में है। इस समय नंदी को अपने ही पार्टी में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने प्रयागराज से मेयर का टिकट उनकी पत्नी अभिलाषा गुप्ता नंदी को न देकर किसी और को वहां से पार्टी का उम्मीदवार बना दिया। इस बीच सत्तारूढ़ बीजेपी में घमासान मच गया है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अपनी ही सरकार और पार्टी के खिलाफ बागी रूख अख्तियार कर लिया है। इसके पीछे बड़ी वजह सपा नेता रईस चंद्र शुक्ला की बीजेपी में एंट्री बताई जा रही है। शनिवार को पूरे तामझाम के साथ शुक्ला को भगवा परिवार में शामिल कराया गया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में नंदी के खिलाफ सपा ने इन्हीं रईस चंद्र शुक्ला को मैदान में उतारा था, लेकिन नंदी बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। नंदी ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक होने के बावजूद उनसे इस मामले को लेकर कुछ नहीं पूछा गया यह बहुत ही गलत है। नंदी ने कहा कि पार्टी में मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है।

नंदी ने मिथक तो तोड़ा लेकिन...

मुख्यमंत्री के बगल वाला बंगला नंबर 6 को ‘भूतहा‘ भी कहा जाता था। जिसमें रहने से मंत्रियों को डर लगता था, योगी सरकार के मंत्री ने इस मिथक को तोड़ तो दिया लेकिन सात साल बाद वे मुसीबत में घिरते दिख रहे हैं। वैसे तो नंदी ने न सिर्फ इस बंगले में 5 साल का कार्यकाल बिताया, बल्कि एक बार फिर चुनाव जीत कर विधायक बने हैं, और योगी सरकार में दोबारा मंत्री बने हैं। लेकिन अब नंदी की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं तो ऐसा माना जाने लगा है कि क्या बंगला नंबर 6 अब नंदी के लिए शुभ नहीं है?

जानें क्या है डर की वजह?

कहा जाता है कि इस बंगले में रहने वाला कोई भी विधायक दोबारा विधानसभा में नहीं पहुंच पाता। जानकारी के मुताबिक, जो भी बड़े और दिग्गज चेहरे इस बंगले में रहे, उनका राजनीतिक ग्राफ गिरता चला गया। चाहे वह अमर सिंह रहे हों, सपा के आशु मलिक रहे हों, चाहे सपा के वकार अहमद शाह रहे हों। तमाम ऐसे नेता हैं जो जीत के बाद यहां रहने आए, लेकिन समय के साथ उनका ग्राफ ऊपर जाने के बजाय नीचे गिरने लगा। शायद यही वजह थी कि कोई भी इस बंगले में नहीं रहना चाहता था।

इस बंगले की वजह से चर्चित हुआ कालिदास मार्ग-

वैसे तो लखनऊ स्थित कालीदास मार्ग पर कई बंगले हैं, जिनमें मंत्रीगण और 5 कालीदास मार्ग पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री के बगल वाले बंगला नंबर 6 को भूतहा कहा जाता था। जिसमें रहने से मंत्रियों को डर लगता था, उस बंगले में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने न सिर्फ 5 साल का कार्यकाल बिताया, बल्कि एक बार फिर चुनाव जीत कर विधायक बने हैं, और योगी सरकार में दुबारा मंत्री बने हैं। कहा जाता है कि इस बंगले में रहने वाला कोई भी विधायक दोबारा विधानसभा में नहीं पहुंच पाता है, लेकिन नंदी ने इस मिथक को तोड़ दिया। लेकिन वहीं नंदी इसी बंगले में रहते हुए अब परेशान दिख रहे हैं। उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब भाजपा ने ही नंदी के विरोधी को पार्टी में शामिल कर लिया है। इसको लेकर नंदी खासे नाराज हैं।

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