बदल रही है रेप विक्टिम कुंवारी मां की ज़िंदगी, पढ़ लिख कर दिलाएगी पीड़ितों को इंसाफ
नाबालिग मुनिया के साथ गांव के ही युवक मोहित ने रेप किया था। मुनिया के गर्भवती होने की जानकारी मिलने पर मामला कोर्ट पहुंच गया था। डॉक्टरों की राय के बाद गर्भपात की मांग पर हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में रोक लगा दी थी।
बाराबंकी: हर रात की सुबह होती है। 13 वर्षीया कुंवारी मां मुनिया (बदला हुआ नाम) भी धीरे धीरे रौशनी में कदम बढ़ाने लगी है। उसने कस्तूरबा गांधी विद्यालय में प्रवेश लेकर पढ़ाई शुरू कर दी है, और बड़ी होकर अधिकारी बनने के सपने देखने लगी है। यह वही रेप पीड़िता है, जिसका गर्भपात कराने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी और लंबे दिनों से डिप्रेशन में थी।
बड़े सपने
-मुनिया का जीवन बदल रहा है। वह अवसाद और मायूसी से बाहर निकलने लगी है।
-मुनिया ने कस्तूरबा गांधी विद्यालय में दाखिला लेकर बड़े सपने देखने शुरू कर दिए हैं।
-उसका सपना है आईएएस बन कर देश और दबे कुचले समाज की सेवा करना। पीड़ितों को न्याय दिलाना।
-मुनिया का बदलता जीवन देख कर अब उसके माता-पिता के चेहरे पर भी संतोष और आशा की किरण दिखाई देने लगी है।
-वे रात दिन ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि मुनिया हताशा से बाहर निकल कर अपने सपनों के साथ अपना जीवन जी सके।
हाईकोर्ट का फैसला
-17 फरवरी 2013 को कथा सुन कर रात में लौट रही नाबालिग मुनिया के साथ गांव के ही युवक मोहित ने रेप किया था।
-मुनिया के गर्भवती होने की जानकारी मिलने पर मामला कोर्ट पहुंच गया था।
-डॉक्टरों की राय के बाद गर्भपात की मांग पर हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में रोक लगा दी थी।
-पीड़िता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया था कि वह पीड़िता को 13 लाख रूपए दे और उसकी पढ़ाई पूरी कराके उसे नौकरी भी दे।
बदलाव से राहत
-रेप के बाद दिन रात घर में बंद रहने वाली मुनिया अब बाहर निकलने लगी है।
-उसका बच्चा अनाथालय में पल रहा है।
-मुनिया में सकारात्मक बदलाव से परिजन भी राहत की सांस ले रहे हैं।
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