UP Politics: अल्पसंख्यक कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष ने बताया- पाठ्यक्रम से क्यों हटाया गया मुगलों का इतिहास...

UP Politics: अल्पसंख्यक कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि कम पढ़े-लिखे और फर्जी डिग्री वाले शासक पढ़े-लिखे लोगों को दुश्मन मानते हैं। मोदी और योगी जी को लगता है कि इतिहास की सही जानकारी वाले छात्र कांग्रेसी हो जाएंगे, इसलिए गलत इतिहास पढ़ाने की साजिश रची जा रही है।

Update:2023-04-06 22:39 IST
फाइल फोटो- कांग्रेस चुनाव चिह्न (साभार सोशल मीडिया)

UP Politics: अल्पसंख्यक कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि संविधान की जगह अगर मनुस्मृति लागू करनी है तो समानता और बंधुत्व पर आधारित इस्लाम और मुगल शासन के इतिहास को पाठ्यक्रम से हटाना संघ के लिए बहुत जरूरी है, ताकि दलितों और पिछड़ों के जहन में ऐसे किसी अतीत का उदाहरण ही न रह जाए, जहाँ उन्हें मानव होने का सम्मान मिला हो। कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस तरह मोदी जी अपनी डिग्री छुपाते फिरते हैं वैसे ही संघ ने गांधी जी की हत्या में अपनी भूमिका को छुपाने के लिए पाठ्यक्रम से इस तथ्य को हटवाया है।

शाहनवाज आलम ने कहा कि संघ मुगलों से इसलिए चिढ़ता है कि मुगलों के दौर में ही मदरसे जैसे सर्व शिक्षा के केंद्र स्थापित हुए थे। इनमें दलितों को भी पढ़ने का अधिकार मिला जिनके लिए उससे पहले शिक्षा वर्जित थी। मुगलकाल में पढ़ने का अधिकार पाए दलितों की तीसरी-चौथी पीढ़ी से ही ज्योतिबा फुले और अम्बेडकर जैसे दलित चिंतक पैदा हुए। इनमें से फुले ने मनुवाद के खिलाफ गुलामगिरी जैसी किताब लिखी और अम्बेडकर जी ने मनुस्मृति का दहन किया।

किया मुगलों का जिक्र

उन्होंने कहा कि मुगलों का इतिहास छात्रों को समावेशी बनाता है क्योंकि उन्हें यह पता चलता है कि अकबर के 9 रत्नों में कई हिंदू विद्वान भी थे। औरंगजेब के शासन में 30 प्रतिशत अहम ओहदों पर हिंदू राजा थे। उन्हें 1604-05 में अकबर के शासन के 50 साल पूरे होने पर राम और सीता की तस्वीर वाले सिक्के की फोटो भी दिखती थी जिसपर राम राज लिखा हुआ था। उन्हें यह भी जानकारी मिलती थी कि मुगलों के शासनकाल में दुनिया के कुल जीडीपी का 25 प्रतिशत भारत का होता था। ये सब पढ़ कर छात्रों के मन में आरएसएस के कथित राम राज्य के दावों पर सवाल उठते हैं। इसीलिए मुगलों का इतिहास पाठ्यक्रम से हटाया गया है। यह योगी सरकार के डर को दिखाता है। इसलिए यह मुगलों के इतिहास पर हमला नहीं है बल्कि भारत के समृद्ध ज्ञान परंपरा पर हमला है।

"फर्जी डिग्री वाले शासक पढ़े-लिखों को दुश्मन मानते हैं"

शाहनवाज आलम ने कहा कि कम पढ़े-लिखे और फर्जी डिग्री वाले शासक पढ़े-लिखे लोगों को दुश्मन मानते हैं। मोदी और योगी जी को लगता है कि इतिहास की सही जानकारी वाले छात्र कांग्रेसी हो जाएंगे, इसलिए गलत इतिहास पढ़ाने की साजिश रची जा रही है।

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