कांग्रेस के लोकसभा टिकट की आस में कईयों ने झोंक रखी है ताकत

लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी में जुटे विभिन्न दलों के नेताओं खासकर टिकट की आस लगाए नेताओं की धड़कनें तेज हो गई हैं। भाजपा खेमे में पहले से तय चले आ रहे अनुप्रिया पटेल के चुनाव लड़ने के इरादे पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।

Update:2019-02-24 21:46 IST

मिर्जापुर : लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी में जुटे विभिन्न दलों के नेताओं खासकर टिकट की आस लगाए नेताओं की धड़कनें तेज हो गई हैं। भाजपा खेमे में पहले से तय चले आ रहे अनुप्रिया पटेल के चुनाव लड़ने के इरादे पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। इसकी वजह बताई जा रही है भाजपा नेतृत्व से उनके चले आ रहे मनमुटाव, जिससे अंदर ही अंदर ही भाजपा में दावेदारों की संख्या बढ़ी है।

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जानकार सूत्रों की मानें तो कुर्मी और आदिवासी बाहुल्य मीरजापुर लोकसभा सीट से यदि भाजपा और अपना दल का गठबंधन टूटता है तो यहां से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनार विधायक अनुराग पटेल, मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल, अनुसूचित जन जाति आयोग के उपाध्यक्ष मनीराम कोल इत्यादि के नामों की चर्चा जोरशोर से चल रही है। इसी प्रकार सपा-बसपा गठबंधन से सीटों का बंटवारा हो जाने के बाद यहां से जहां सपा के लड़ने का रास्ता साफ हो गया है वहीं मीरजापुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद बालकुमार पटेल के नामों की चर्चा तेज हो उठी है।

बालकुमार पटेल पूर्व में यहां से सांसद चुने जाने के साथ पार्टी के प्रति वफादार और बेदाग नेता होने के साथ ही साथ पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव, अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित प्रवक्ता प्रोफेसर रामगोपाल यादव इत्यादि नेताओं के चहेते भी हैं। जिनकी कार्यकुशलता किसी से छुपी हुई नहीं है। ऐसे में इनके नामों के चर्चे तेज हो चुके हैं तथा इनका चुनाव लड़ना भी तय माना जा रहा है।

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सपा-बसपा गठबंधन

उम्मीदवार के तौर पर महिला उम्मीदवार के रूप में महिमा मिश्रा के नामों की भी चर्चा इन दिनों लोगों की जुबान पर है। बताते चलें कि हाल के दिनों में तेजी के साथ उभरीं महिमा मिश्रा समाजवादी विकास विजन कार्यक्रम के जरिए गांव-गांव घूम-घूम कर पार्टी की नीतियों का प्रचार-प्रसार कर चर्चा में आई हैं। इसी प्रकार पिछले दिनों दिल्ली में मुलायम सिंह यादव के समक्ष मंच साझा कर इन्होंने समाजवादी आंदोलनों में हिस्सा ले पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा को जताया है।

कांग्रेस में कार्यकर्ता कम नेता ज्यादा

बात करें कांग्रेस की तो अभी तक पूर्व विधायक तथा यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री रहे पंडित कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी के नामों की ही चर्चा होती आ रही है। वैसे गौर करें तो यहां टिकट के लिए कईयों की दावेदारी बताई जा रही है। वजह, कार्यकर्ता कम यहां नेता ज्यादा नजर आ रहे हैं। सो अभी कांग्रेस में भी टिकट को लेकर संशय बना हुआ है।

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