Pilibhit News: नवीन मंडी समिति में हुई किसान नेता राकेश टिकैत की महापंचायत
Pilibhit News: टिकैत ने कहा आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर यानी 2047 तक किसानों की जमीने पूंजीवादी लोग कब्जा करके अपने लोगो को लीच पर देने जा रहे है। इसको लेकर हमे संगठित होकर आंदोलन करना होगा।;
नवीन मंडी समिति में हुई किसान नेता राकेश टिकैत की महापंचायत (Photo- Social Media)
Pilibhit News: यूपी के पीलीभीत जनपद की पीलीभीत मंडी समिति परिसर में महापंचायत को सम्बोधित करने पहुचे किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार पर जमकर हमला बोला। टिकैत ने कहा आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर यानी 2047 तक किसानों की जमीने पूंजीवादी लोग कब्जा करके अपने लोगो को लीच पर देने जा रहे है। इसको लेकर हमे संगठित होकर आंदोलन करना होगा। सरकार किसानों को निर्धारित फसल का msp दे नही रही है, गन्ना मूल्य भी नही मिल पा रहा है और विरोध प्रदर्शन करने पर मुकदमा और कर दिया जा रहा है।
बही तराई क्षेत्र में सिख समाज के लोगो को अलग अलग नाम से सम्बोधित किया जाता है। जिन सिख परिवारों की तीन तीन पीढ़ियां यहां पर खपी उस समय तो ये सब नही था, अब उन्हें खालिस्तानियो का नाम दिया जा रहा है। यहां के अधिकारियों को कान खोल कर सुन लेना चाहिए, हम पुलिस प्रशासन के खिलाफ नही बोल रहे थे तो ये मत समझना कि हम कमजोर है।
नही तो पहला धरना यहां के एसएसपी के खिलाफ 72 घण्टे का धरना है। यदि देश में आरएसएस को छूट है, तो उसकी संस्थाओं में लोग जा सकते है तो किसान के संगठन में भी लोग आ सकते है, अगर विरोध किया तो धरना प्रदर्शन झेलने लिए तैयार रहना, यहां का सिख यही रहेगा।
किसानी भी हम करेंगे और आंदोलन भी हम करेंगे
इस सिख समाज को छेड़ने की कोशिश मत करना। हमने पगड़ी बांधी है तो हम भी सिख है, हमने देश की रक्षा करी है। अगर तराई क्षेत्र में किसानो को प्रशासन ने परेशान किया तो धरना आंदोलन बनेगा। एग्रीकल्चर हड़ताल देश का मुख्य आंदोलन बनेगा, हमने कोई देश का ठेका नही लिया कि किसानी भी हम करेंगे और आंदोलन भी हम करेंगे।
एक आंदोलन हमको किसानों के हित में करना पड़ेगा। जंगल के नजदीक रहने वाला किसान को जंगली जानवरो से नुकसान हो रहा है। आदमी मरा जा रहा है। उसको मुआवजा नही मिल रहा है। ये सरकार अधिकारियों के माफिक मनमानी कर रही है।
प्रशासन चाहता है कि किसान बेवजह फंसा रहे मुकदमे लड़े और किसान बर्बाद हो, हम लोग शादी में खर्चे कम करे आपस में कम लड़ें। आपस में मसले आपस मे निपटाएं ये जो समय चल रहा है। 2047 तक देश का आजादी का 100 वा वर्ष मनाएंगे तो व्यापारी तौर पर 70 प्रतिशत जमीन पूंजीवादियों के हाथ चली जाएगी।
कैमरा कलम पर बंदूक का पहरा है, बजट पर पैनल पर बड़े बड़े चैनल के लोग बुलवाते थे, लेकिन आज से कई साल पहले एक बड़े चैनल पर गए तो उन्होंने कहा सरकार के खिलाफ आप ज्यादा मत बोलना। उससे पता चलता है कैमरा कलम पर बंदूक का पहरा है। ये देश आंदोलन से ही बचेगा संगठित होने से बचेगा।
ये देश किसी राजनिति पार्टी से बचने वाला नही है। ये सरकार किसान को गरीब करना चाहता है, किसानों को कर्जा दे रही है व्यापारियों के कर्जे माफ कर रही है। बजट में किसानो की फसल के दाम बढ़ाने की बात नही करती ये सरकार, फसलों लो लूटने के काम करते है।
किसान के खिलाफ अत्याचार, सिख समुदाय को टारगेट
गन्ने का मूल्य मिल नही पा रहा है। जो भी अधिकारी गांव किसान के खिलाफ अत्याचार करेगा उसके खिलाफ 72 घण्टे का धरना प्रदर्शन किया जाएगा। यहां का पुलिस प्रशासन तराई के खास कर सिख समुदाय को टारगेट कर रहा है, क्या ऊपर से प्लांन है कि यहां पर सिखों को खत्म करा जाए।
जिसको स्नान करना है अगर कोई कुम्भ में नही जा पा रहा है, तो नदियों में बहते जल में नहा लेंगे। अब दिल्ली नही थाने घिरे जाएंगे। फर्जी तरीके से पंजाब विदेश जाने वाले लोगो पर जांच होगी। व्यपारियो को मंडी से बाहर खरीद के निर्देश देने के आदेश के बाद गुजरात मॉडल बनाना चाहते है।