मीरजापुर पुलिस की दंबगई: घर में घुसकर दुकानदार को धमकी देते हुए वीडियो हुआ वायरल

यूपी के मिर्जापुर से खाकी वर्दी का रौब दिखाने वाली पुलिस का कारनामा उजागर हुआ है। यहां कचहरी चौकी इंचार्ज का लोगों में इस कदर खौफ बना हुआ है कि परेशानी के वक्त भी मार झेलने को मजबूर हो रहे हैं।

Reporter :  Brijendra Dubey
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-05-12 12:33 IST

पुलिस की दंबगई(फोटो-सोशल मीडिया)

मीरजापुर: महामारी के इस दौर में यूपी के मीरजापुर(Mirzapur) से खाकी वर्दी का रौब दिखाने वाली पुलिस(Police) का कारनामा उजागर हुआ है। यहां कचहरी चौकी इंचार्ज का लोगों में इस कदर खौफ बना हुआ है कि लोग परेशानी के वक्त भी जबरदस्ती की मार झेलने को मजबूर हो रहे हैं। अपने औदे के दम पर चौकी इंचार्ज सिपाही को भेजकर लॉकडाउन के दौरान बंद दुकानें से सामान मंगवा रहे हैं।

कचहरी चौकी इंचार्ज संतोष सिंह का लॉकडाउन के दौरान दुकानदार को जबरन प्रताड़ित करने का वाकया सामने आया है। सुनाते हैं आपको दुकानदार की पूरी दास्तां। चौकी इंचार्ज की दबंगई इस हद तक बढ़ गई कि सिपाही द्वारा किराना दुकानदार की दुकान से शाम 7 बजे सामान मंगाया। दुकानदार ने लॉकडाउन प्रोटोकॉल के तहत शाम 5 बजे दुकान बंद कर दी थी। 

सामान के लिए दी ये धमकी

सिपाही बंद दुकान देख दरवाजा कस-कसकर पीटने लगा। तो दुकानदार का छोटा बेटा बाहर आया, और सामान देने से मना कर दिया। सिपाही से छोटे बेटे ने बोला कि कल सामान का पर्चा लेकर आइयेगा, अभी दुकान बंद हो गई है। जिसके बाद सिपाही सामान लेने के लिए जबरदस्ती करने लगे और धमकी देने लगे कि दुकान बंद करवा देंगे।

तभी इन धमकियों के डराने के बाद के मजबूर होकर बेटा सामान देने के लिए राजी हो गया। उसी दौरान सिविल लाइन इंचार्ज चौकी संतोष कुमार सिंह एंव दीपक कुमार यादव एकाएक घर में घुस गए और बवाल काटने लगे। गाली-गलौज करने की लगे कि दुकान का सामान बेच रहे हो।

घर की महिलाओं से अभद्रता करने लगे। पीड़ित दुकानदार ने ये भी गम्भीर आरोप लगाया है कि सुविधा शुल्क न देने पर भी परेशान करते हैं। साथ ही कचहरी और सिविल लाइन क्षेत्र में अपने और अपने अधिकारियो के लिए चौकी इंचार्ज मिठाई की दुकान खुलवाए रहते हैं। पुलिस के सारे कारनामों का वीडियो भी वायरल हो रहा है।

ऐसे में एक तरफ आम जनता महामारी और तंगी के बोझ तले पहले ही दबी हुई है, ऊपर से ये पुलिस के रौब से हो रहे अत्याचारों को झेलना पड़ रहा है। आम जनता की सुनने वाला भी कोई नहीं है, क्योंकि वर्दी के डर से कोई बोलने की भी हिम्मत नहीं कर पाता है।

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