थ्री नाट थ्री! अंग्रेजों के जमाने के राइफल से मिली आजादी...

पुलिस विभाग में प्रयोग होने वाली थ्री नाट थ्री राइफल को अब धीरे-धीरे चरणाबद्ध तरीके से बदला जा रहा है। जिसकी शुरूवात 2005 में ही हो गया था। अंग्रेजों के जमाने की थ्री नाट थ्री राइफल को पीएसी से हटाने के बाद जनपदीय पुलिस के बेड़े से भी हटाया जा रहा है।

Update:2019-12-04 19:29 IST

बृजेंद्र दुबे

मीरजापुर: अंग्रेजों के जमाने का थ्री नाट थ्री राइफल से जल्द ही पुलिस विभाग को आजादी मिलने वाला है। जब कभी आप थाना पर जाते है तो सन्तरी हाथ में थ्री नाट थ्री राइफ़ल लिये दरवाजे पर खड़ा रहता है। यह राइफ़ल अब जल्द ही पुलिस विभाग के लिए इतिहास बनने वाला है।

इंसास और एसएलआर राइफल का किया जा रहा प्रयोग

पुलिस विभाग में प्रयोग होने वाली थ्री नाट थ्री राइफल को अब धीरे-धीरे चरणाबद्ध तरीके से बदला जा रहा है। जिसकी शुरूवात 2005 में ही हो गया था। अंग्रेजों के जमाने की थ्री नाट थ्री राइफल को पीएसी से हटाने के बाद जनपदीय पुलिस के बेड़े से भी हटाया जा रहा है। पुलिस विभाग में अब थ्री नाट थ्री राइफल को रिटायर कर इंसास और एसएलआर राइफल का प्रयोग कर रहा है। थ्री नाट थ्री राइफल के प्रयोग पर अब पुलिस विभाग ने प्रतिबंध लग गया है। जिसके बाद यह राइफ़ल जमा कराया जा रहा है।

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पुलिस विभाग अब थ्री नाट थ्री राइफल को बदलकर इंसास और एसएलआर राइफल दे रहा है। थ्री नाट थ्री राइफल का इतिहास काफी पुराना है। सौ साल से ज्यादा पुरानी थ्री नाट थ्री राइफल अंग्रेजों के जमाने में प्रमुख राइफलों में एक हुआ करती थी। इस राइफल का उपयोग पहले विश्व युद्ध में किया गया था। यूपी पुलिस के बेड़े में यह राइफल 1945 में आई, जिसके बाद से यूपी पुलिस से इस राइफल का प्रयोग कर रही थी।

सौ साल से ज्यादा पुरानी "थ्री नाट थ्री" राइफल को हटाया जा रहा

जब कभी बीहड़ में डाकुओं से मोर्चा लेने की बात हो, या कभी साम्प्रदायिक दंगा की हालात हो, यह राइफल यूपी पुलिस का बखूबी साथ निभाया है। इस राइफल से दो किलोमीटर तक कि दूरी का निशाना लगाया जा सकता है। 2005 के बाद से चरणाबद्ध तरीके से प्रदेश पुलिस के बेड़े से सौ साल से ज्यादा पुरानी "थ्री नाट थ्री" राइफल को हटाया जा रहा है। जिसको शुरू में पीएसी से हटाया गया था।

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अंग्रेजों के जमाने की थ्री नाट थ्री राइफल पर प्रतिबंध लगने के बाद जिले में जमा कराया गया 550 राइफल

पीएसी से हटने के बाद जनपदीय पुलिस के बेड़े से थ्री नाट थ्री राइफल को हटा दिया गया है। जिले के सभी थानों से 550 थ्री नाट थ्री राइफल पुलिस लाइन में आरआई के पास जमा कर दिया गया है। इस राइफल को जमा कराकर इंसास और एसएलआर राइफल दिया जा रहा है। भारत में बनी इंसास राइफल का उपयोग कारगिल युद्ध में किया गया था। जिसके बाद यह प्रदेश की पुलिस बेड़े में शामिल हो गई है।

जनपदीय पुलिस में हथियार की संख्या

थ्री नाट थ्री राइफ़ल की संख्या- 630

इंसास व एसएलआर की संख्या- 741

क्या है इंसास व एसएलआर राइफल की ख़ासियत

इंसास राइफल सेमी आटोमेटिक राइफल है। इसका पूरा नाम (इंडियन स्माल आर्म्स सिस्टम) है। इस राइफल को सबसे पहले 1998 के गणतंत्र दिवस पर लाया गया था। 5.56 बोर इस राइफल की वजन 4.16 किलोग्राम है। इस राइफल की रेंज 400 मीटर है। इस राइफल में दूरबीन लगाया जा सकता है। इससे 20 से 30 राउंड फायरिंग की जा सकती है। वही 7.63 बोर की एसएलआर राइफल 1965 में भारत मे आया। इसका पूरा नाम (सेल्फ लोडिंग राइफल) है। यह राइफल एक मिनट में 60 राउंड फाइरिंग कर सकता है। इस राइफल का वजन खाली रहने पर 4.4 किलोग्राम है। इन हथियारों का उपयोग अब यूपी पुलिस कर रही है।

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जिले के एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि जिले में कुल 550 थ्री नाट थ्री राइफल को जमा कराया गया है। नक्सल क्षेत्र होने से यहां पर्याप्त मात्रा में हथियार है। शासन द्वारा हथियार नही मिलने पर सुरक्षा व्यवस्था में कोई दिक्कत नही आएगी।

 

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