Mirzapur News: प्रिंसिपल की नाक के नीचे मेडिकल कॉलेज में चल रहा खून बेचने का धंधा, सुप्रीटेंडेंट ने खोली पोल
Mirzapur News: शिकायत मिलने पर मैंने मरीज के माता-पिता को बुलाया तो उनके द्वारा भी मुझे यही बात बताई गई कि पैसे लेकर मेरे मरीज को खून चढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि यहां के स्टाफ के द्वारा पहले मुझसे 10 हजार रुपए की मांग की गई।
Mirzapur News: मां विंध्यवासिनी स्वशासी मेडिकल कालेज के मंडलीय चिकित्सालय में दो दिन पहले हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने मेडिकल सुप्रीटेंडेंट के पास फोन कर खून बेचने की शिकायत दर्ज करवायी थी। जिसके बाद मेडिकल कालेज के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ अरविंद कुमार सिन्हा ने इस प्रकरण की जांच पूरी करने के बाद मेडिकल कालेज के प्राचार्य के पास कार्रवाई के लिए भेज दिया। दो दिन के इंतजार के बाद डॉ अरविंद कुमार सिन्हा ने हॉस्पिटल के मीडिया ग्रुप में अपना बयान जारी कर मीडिया को दी जानकारी।
जानिए क्या है पूरा मामला
मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ अरविंद कुमार सिन्हा ने कहाकि, 16 सितंबर 2024 के दिन प्रयागराज से हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने उनके पास फोन कर कहा कि जिला अस्पताल के पुरुष मेडिकल वार्ड में बेड संख्या 23 पर कृष्णा नाम का एक मरीज भर्ती है, जिसे खून चढ़वाने के एवज में एक स्टाफ द्वारा 6 हजार रुपया ले लिया गया और फिर खून चढ़वाया गया। मरीज के माता पिता मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं, कर्ज लेकर उन्होंने खून चढ़वाया है। शिकायत मिलने पर मैंने मरीज के माता-पिता को बुलाया तो उनके द्वारा भी मुझे यही बात बताई गई कि पैसे लेकर मेरे मरीज को खून चढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि यहां के स्टाफ के द्वारा पहले मुझसे 10 हजार रुपए की मांग की गई। लेकिन 6 हजार में बात बन गई। यह भी बताया गया कि कृष्णा को पाखाने के रास्ते से खून आ रहा था। जिस कारण 9 सितंबर को अस्पताल में हमने भर्ती कराया।
मरीज ने ही पहचान किया उजागर
डॉ. अरविंद कुमार सिन्हा के पीड़ित तीमारदार से पूछने 16 सितंबर को महिला पुलिस आरक्षी एवं पुरुष पुरुष आरक्षी को लेकर उक्त मरीज के पास वार्ड में गया तो मरीज की मां ने प्रतिमा स्टाफ नर्स की ओर इशारा कर पकड़ कर बताया कि यही मैडम मुझसे खून के लिए 6 हजार रुपया ली है। इनके द्वारा यह भी बताया गया कि एक और स्टाफ फोन पर बात कर कहीं से खून मंगवाने की बात कर रहा था। पूछने पर पता चला कि फोन पर खून मंगवाने वाले का नाम अजय वार्ड बॉय है। जिस ब्लड ग्रुप का खून मंगाया गया, उस ब्लड ग्रुप का खून उस दिन मंडलीय चिकित्सालय के ब्लड बैंक के स्टॉक में रखा था।
प्राचार्य ने नहीं की कोई कार्रवाई
दो दिन बीत जाने मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ विश्वजीत दास ने कोई कार्रवाई नहीं की जिसके बाद डॉ अरविंद कुमार सिन्हा ने लिखा कि मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को इस घटना की सूचना लिखित रूप में एवम सारे सबूत के साथ उपलब्ध करा दिये हैं। प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लेकर संलिप्त स्टाफों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की मांग की है। जब इस प्रकरण में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ विश्वजीत दास से बातचीत हुई तो उन्होंने कहाकि इस प्रकरण में डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम गठित कर दिया गया है, जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।