Mirzapur News: मरने के बाद ज़िंदा हो गया मुर्दा! नहर में उतराता मिला था युवती का शव
Mirzapur News:नहर में उतराते मिले युवती के शव को पुलिस मृत समझकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने को कह रही थी, मगर परिजन नहर से शव निकाल कर पहले घर ले गए।
Mirzapur News: कहते हैं ‘जाको राखे साईयां, मार सके ना कोई।’ ऐसा ही मिर्जापुर जनपद के संतनगर थाना क्षेत्र के राह कलां हऊदवा गांव में देखने को मिला। जहां नहर में उतराते मिले युवती के शव को पुलिस मृत समझकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने को कह रही थी, मगर परिजन नहर से शव निकाल कर पहले घर ले गए। फिर पटेहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए तो डॉक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया, जिसके बाद युवती की जान वापस आ गई और वो जिंदा हो गई। ये देख सभी हैरत में पड़ गए।
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खुशियों से फूला नहीं संमाया परिवार
युवती को जीवित देख परिवार में छाया मातम खुशी में बदल गया। जिसे लोग अब चमत्कार मान रहे हैं। यह चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, संतनगर थाना क्षेत्र के राह कलां हऊदवा गांव के रहने वाले भोला की बेटी रविना का घर से डेढ़ किलोमीटर दूर सिरसी नहर में रविवार को उतराया हुआ शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया था। ग्रामीणों ने इसकी सूचना जिला पंचायत सदस्य मनीष को दी। मनीष ने पुलिस को बुलाया, जिसने मौके पर पहुंचकर परिजनों की मदद से शव को बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजना चाहा। लेकिन परिजन पुलिस की बात न मानकर युवती को पटेहरा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां इलाज के दौरान बेटी रवीना जिंदा हो गई। अब उसकी हालत ठीक है।
लोगों ने समझा मृत हो चुकी है युवती
पानी में तैरते मिले शव को देखकर पुलिसवालों को लगा कि युवती मर चुकी है। लेकिन अस्पताल पहुंचने पर इलाज के दौरान वह जिंदा हो गई। जब इसकी जानकारी परिजनों को हुई तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिजनों के मुताबिक रवीना के मानसिक हालत ठीक नहीं है। जिसकी वजह से यह घटना हो गई थी। वो घर से दो घंटे से लापता थी, ग्रामीणों ने सूचना दी कि वो नहर में डूबी है। संतनगर थाना प्रभारी अरविंद सरोज ने बताया कि नहर में एक डेड बॉडी की सूचना मिली थी। जिसे बाहर निकलवाकर उसे अस्पताल पहुंचाया गया, उसकी जान अब बच गई है।
ये बताया स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ ने
फार्मेसिस्ट गणेश शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अचेत अवस्था में किशोरी आई हुई थी। वो नहर में डूब गई थी, उसकी हार्टबीट को चेक किया, पेट को पंप किया तो हार्ट थोड़ा-थोड़ा चलने लगा। इसके बाद वह सही हो गई। एक घंटे इलाज के बाद वह पूर्णतया स्वस्थ होने पर उसे छोड़ दिया गया।