Mirzapur News: डॉक्टर ने कहा- ‘मेरी नहीं नर्स की है गलती’, सौ शैया अस्पताल में नवजात मासूम के अंगूठे का कटा ऊपरी भाग

Mirzapur News: जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर हलिया के मधोर गांव से बड़ी उम्मीद के साथ इंद्र बहादुर पटेल अपनी बेटी को सौ शैय्या युक्त मातृ एवं शिशु अस्पताल लेकर आए थे, लेकिन डॉक्टर की लापरवाही ने उन्हें जिंदगी भर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।

Update:2023-08-08 17:06 IST
Fault of Nurse Cut off Upper Part of Newborn's Thumb, Mirzaapur

Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद में सौ शैय्या युक्त मातृ एवं शिशु अस्पताल बनवाया गया था, हालांकि बनने के बाद इस हॉस्पिटल से आएदिन अनियमितताओं की शिकायत सामने आती रहती हैं। लेकिन जिला प्रशासन ने अपनी आंखे बंद कर रखी हैं। तभी आजतक किसी ने कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई। ताजा मामला यहां के डॉक्टरों की लापरवाही बयां करने के लिए काफी है। जहां जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर हलिया के मधोर गांव से बड़ी उम्मीद के साथ इंद्र बहादुर पटेल अपनी बेटी को अस्पताल लेकर आए थे, लेकिन डॉक्टर की लापरवाही ने उन्हें जिंदगी भर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।

ग्लूकोज का वीगो निकालने से मासूम के हाथ में जख्म

मिर्जापुर के हलिया के मधोर गांव की रहने वाली प्रियंका को हलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर होने के बाद परिजन 100 शैय्या मातृ व शिशु अस्पताल ले आए, जहां पर बच्ची पैदा हुई। तीन अगस्त को वीगो निकालते वक्त डॉक्टर और नर्स के लापरवाही के वजह से नवजात शिशु के अंगूठे का ऊपरी भाग कट गया। जिसके बाद खून बहने लगा और शिशु रोने लगी। परिजनों ने पूछा तो डॉक्टर एसपी गुप्ता ने कहा कि हल्की खरोंच लग गई है, दिक्कत की बात नहीं है। उसके बाद पट्टी बांधकर ऐसे ही छोड़ दिया गया।

पूछने पर डॉक्टर डांटकर भगा देते थे!

परिजनों ने जब अगले दिन जब डॉक्टर से दोबारा देखने के लिए कहा गया तो डॉक्टर ने इंकार कर दिया। बच्ची के नाना इंद्र बहादुर पटेल ने कहा कि, डॉक्टर एसपी गुप्ता से जब भी बच्ची के अंगूठे के बारे में पूछते थे, वो डांटकर भगा देते थे। हमने कहा कि यदि समस्या हो तो कहीं रेफर कर दीजिए लेकिन अस्पताल प्रशासन ने एक नहीं सुनी। बातचीत में नर्स ने बताया कि सोमवार को डॉक्टर आएंगे तो देखेंगे लेकिन शिशु के अंगूठे के खराब हालत को देखते हुए इन लोगों से रविवार को ही अस्पताल से छुट्टी देकर निकाल दिया। कोई जानकारी नहीं दी।

परिजन बच्ची को लेकर घर चले गए। घर जाने के बाद जब नवजात का हाथ का अंगूठा नीला पड़ने लगा तो परिजन इलाज के लिए मंडलीय अस्पताल लेकर आये। जहां डॉक्टरों ने इलाज कर स्टीचेज तो किया है, लेकिन अब नवजात का अंगूठा जुड़ने की उम्मीद कम है। बच्ची के नाना इंद्र बहादुर पटेल ने कहा कि, अगर डॉक्टर समय रहते बता देते तो आज ऐसी समस्या नहीं होती। हम लोगों ने मंडलीय अस्पताल में दिखवाया है। जहां डॉक्टर ने कहा कि उंगली जुड़ने की संभावना कम है। दो दिन बाद यह ठीक नहीं होगी तो इसे काटना पड़ेगा।

डॉक्टर ने कहा- मेरी नहीं, नर्स की है गलती

इस लापरवाही को अंजाम देने वाले आरोपी डॉक्टर एसपी गुप्ता अपना पल्ला छुड़ाते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि नर्स के द्वारा वीगो निकालते वक्त अंगूठा कट गया था। अंगूठा कटने के बाद हमारे पास लाया गया तो हमने पट्टी कर दी। इसमें नर्स की गलती है। इस सवाल पर कि इस घटना के बाद चार दिन नवजात शिशु एडमिट रहीए इस दौरान आपने क्या किया? तो डॉक्टर ने कहा कि हमने देखा ही नहीं कि अंगूठा कटा है। हमें लगा कि हल्की खरोंच है।

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