दबंगों ने घर में घुसकर नाबालिग से किया रेप, फिर भी पुलिस ने नहीं दर्ज की FIR

यूपी के सीएम कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने की पुरजोर कोशिश में लगे है, लेकिन थाने में बैठे उनके अधिकारी अपराध पर लगाम लगाने के लिए कितने संजीदा है यह आप यूपी में देख सकते है।

Update:2017-10-09 18:52 IST

शाहजहांपुर: यूपी के सीएम कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने की पुरजोर कोशिश में लगे है, लेकिन थाने में बैठे उनके अधिकारी अपराध पर लगाम लगाने के लिए कितने संजीदा है यह आप यूपी में देख सकते है।

यह मामला साहजहांंपुर का है। जहां दो दबंगो ने घर मे घुसकर नाबालिग के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया। जब नाबालिग चिल्लाई तो उसके भाई ने आरोपी को पकड़ लिया जिसके बाद विरोध करने पर रेप पीड़िता के भाई को बेरहमी से पीटा। उसके बाद अपनी गाड़ी मे पीड़िता के भाई को कहीं ले गए और उसकी जमकर पिटाई की।

बेसुध पुलिस

वहीं पुलिस रेप पीड़िता को रोज थाने बुलाती है और दिन भर बैठाने के बाद जाने के लिए कह देती है। आज पीड़िता ने एसपी से न्याय की गुहार लगाई है। वहीं जब इस मामले पर जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो कोई ये तक नही बता पाया कि मुकदमा दर्ज है भी या नहीं।

एसपी ऑफिस के बाहर न्याय की उम्मीद लगाए खड़ा ये परिवार थाना पुवायां क्षेत्र का रहने वाला है। यह आज इसलिए आया है क्योंकि न्याय पाने के लिए ये पिछले तीन दिन से पुवायां थाने जाता है। जहां उस थाने के पुलिसकर्मी इस परिवार को पिछले तीन दिन से रोज बुलाते है और रोज पूरा दिन बैठाने की बाद जांच की बात कहकर घर जाने के लिए कहे देते।

क्या बताया पीड़िता के भाई ने?

पीड़िता के भाई ने बताया कि 5 अक्टूबर की रात उसके गांव के रहने वाले दबंग अनुप और सत्य प्रकाश उसके घर में घुस आए। वक्त करीब एक बजे का था। सभी लोग सो रहे थे। उसकी 15 साल की बहन कमरे मे सो रही थी। आरोप है कि अनुप तमंचा लेकर उसकी नाबालिग बहन के पास गया और उसकी तमंचा दिखाकर चुप करा दिया उसके बाद उसका दुपट्टा मूंह मे ठूंस दिया और उसके साथ रेप किया। तभी उसकी बहन ने चीखना शुरू किया। जिसके बाद शोर सुनकर वह कमरे गया तो उसने अनुप को पकड़ लिया लेकिन उसके दूसरे साथी ने उस पर हमला कर दिया और उसको पकड़कर घर के बाहर खींच लाए। तभी उसके पांच भाई शोर सुनकर लाठी-डंडे लेकर और आ गए। जिसके बाद उसको बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। इतना ही नही दबंगो ने उसको अपनी गाड़ी मे डालकर दूसरी जगह ले गए और वहां उसको जमकर पीटा और जमीन पर लिटाकर खींचना शुरू कर दिया जिससे उसको गंभीर चोटें आई है। जब रात में पीड़िता की मां ने 100 डायल पर फोन करके शिकायत की तो मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता के भाई को ढूंढने की कोशिश नहीं की और सुबह थाने आने की बात कहकर चली गई।

फिर भी नहीं पसीजा पुलीस का दिल

नाबालिग रेप पीड़िता ने बताया कि जब वह सुबह होते ही थाने पहुंची तो वहां पर इंस्पेक्टर ने उसको पूरा दिन थाने में बैठाए रखा और जांच करने की बात करते रहे। रात होने पर पुलिसकर्मियों ने कहा कि घर जाओ दरोगा जी घर आएंगे। लेकिन दूसरी सुबह हूई तो इंतजार करने के बाद फिर वह थाने गए तो पुलिस कर्मियों ने उसको पूरा दिन फिर थाने में बैठा लिया लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। पुलिस सिर्फ इतना कहती है कि दरोगा ही जांच करेंगे। ऐसे ही पीड़ित परिवार नाबालिग रेप पीड़िता और जख्मी भाई को लेकर थाने जाता और चला आता। इस भाग दौड़ में उसके जख्म तक सूख गए लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नही की। जिसके बाद थाने से न्याय की उम्मीद खत्म होने के बाद अब पीड़ित परिवार ने एसपी केबी सिंह का रूख किया तो परिवार की बदनसीबी थी कि उनसे भी मुलाकात नहीं हो पाई और रोज की तरह नाबालिग रेप पीड़िता और जख्मी भाई को फिर अपने घर बगैर न्याय मिले ही जाना पड़ा।

आरोपियों के होसले हुए बुलंद

वही आरोपियों पर मेहरबान योगी पुलिस की करतूत से आरोपियों के हौसले इस कदर बुलंद हो गए कि अब इस परिवार को जान से मारने की धमकी भी देने लगे। ऐसे मे सवाल ये उठता है कि क्या इस पीड़ित परिवार के साथ अगर कोई अनहोनी हो जाती है तो क्या उसके बाद ही पुलिस हरकत में आएगी।

सीओ को भी कोई जनकारी नहीं

जब इस गंभीर मामले पर सीओ पुवायां मंगल सिंह रावत से बात हुई तो उनका कहना था कि उनके पास दो दिन पहले एक परिवार आया था। उनका आरोप था कि दबंगों ने नाबालिग से तमंचे के बल पर रेप किया जबकि इसका विरोध उसके भाई ने किया तो उसको भी बेरहमी से पीटा। इस मामले पर उन्होंने इंस्पेक्टर पुवायां से बात की तो उन्होंने आपसी झगड़े का मामला बताया लेकिन हमने उनकी तहरीर पर लिखित आदेश मुकदमा दर्ज करने के लिए दिए थे। उसके बाद क्या हुआ उनको नही पता मुकदमा दर्ज हुआ या नहीं उनको जानकारी नहीं है। उसके बाद जब हमने इंस्पेक्टर पुवायां को फोन किया तो वह छुट्टी पर थे फोन एसएसआई ने उठाया। हमने उनसे पूछा कि क्या इस मामले मे मुकदमा दर्ज है या नहीं इस गंभीर मामले पर क्या कार्यवाही की गई तो उनका कहना है कि एसपी ऑफिस से फोन तो आया है। अभी हम उसके गांव भेजकर सत्यता को जानते है उसके बाद मुकदया दर्ज करके कार्यवाही करते है।

यूपी पुलिस का बुरा हाल

एक योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा के लाख दावे करते है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस एक नाबालिग रेप पीड़िता को पिछले तीन दिन से थाने बुलाकर पूरा दिन थाने मे बैठाती है और शाम होने पर उसको घर जाने के लिए कहे देती है। खास बात ये है कि रेप का विरोध करने पर पीड़िता के भाई की बेरहमी से पिटाई तक कर दी लेकिन पुलिस का दिल नहीं पसीजा। पीड़िता के घायल भाई के जख्म अब सूखने लगे हैं लेकिन एफआईआर दर्ज नही हुई। खास बात ये है कि सीओ पुवायां को पता नही है कि उनके आदेश करने के बाद भी मुकदमा दर्ज है या नहीं। सवाल यह उठता है कि पिछले चार दिन से क्या पुलिस पीड़िता का गांव नही देख पाई। ये हाल है यूपी पुलिस का।

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