Mission 2022: यूपी चुनाव में दिखेगी 'स्ट्राइकर और नॉन स्ट्राइकर' के रूप में मोदी-योगी की जोड़ी

यूपी में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से मोदी-योगी की जोड़ी लगातार पार्टी के प्रचार में जुटी हुई है। कई राज्यों के चुनाव प्रचार में इस जोड़ी ने स्टार कम्पेनर के तौर पर अपनी अलग छाप बनाई है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Ashiki
Update:2021-07-29 16:51 IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 

लखनऊ: अब देश में जहां भी चुनावी मैच होते हैं वहां पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जोड़ी स्ट्राइकर और नान स्ट्राइकर बल्लेबाजों की तरह अपनी धुंआधार बैटिंग से विपक्षी दलों की फील्डिंग को बिगाड़ने का काम करती है। इसलिए एक बार जब अगले साल यूपी में विधानसभा का चुनाव होने हैं पूरे देश की निगाहें अभी से इस जोड़ी पर टिकी गई हैं कि इस बार यह जोड़ी क्या गुल खिलाती है। प्रधानमंत्री मोदी जब भी यूपी आते हैं तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करने में जरा भी संकोच नहीं करते हैं।

यूपी में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से मोदी-योगी की जोडी लगातार पार्टी के प्रचार में जुटी हुई है। इस जोडी के हिट होने के बाद कर्नाटक, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैड, मध्यप्रदेश, हरियाणा राजस्थान, महाराष्ट्र छतीसगढ, मिजोरम तेलांगाना बिहार पश्चिम बंगाल समेत अन्य जगहों पर हुए चुनाव में प्रचार कर इस जोड़ी ने स्टार कम्पेनर के तौर पर अपनी अलग छाप बनाई है।


उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को कमान देकर हिंदुत्व कार्ड को चर्मोत्कर्ष पर पहुंचाने का प्रयास किया है। अब भाजपा एक रणनीति के तहत जहां प्रधानमंत्री मोदी को विकास के चेहरे के तौर पर चुनाव में उतारती है। वहीं हिन्दुत्व कार्ड के रूप् में योगी आदित्यनाथ की लगातार चुनावी सभाएं कराकर यह बताने का प्रयास करती है कि पार्टी पिछली सरकारों की तुष्टीकरण नीति के विपरीत चलकर 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के नारे को लेकर चल रही है।

दरअसल संघ अपनी रणनीति के तहत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भविष्य में राष्ट्रीय नेता के तौर पर लाकर दूसरी पीढी का बडा नेता बनाने की तैयारी में है। यही कारण है कियोगी आदित्यनाथ को लगातार दूसरे राज्यों में भेजकर उनकी एक अलग तरह की छवि के रूप् में प्रस्तुत किया जा रहा है।


अब जिस तरह से पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ ने हैदराबाद जाकर भाजपा का धुंआधार प्रचार किया जिससे वहां की जनता में उनके प्रति आकर्षण और बढा। नहीं तो इसके पहले उत्तरभारत को किसी भी नेता की हैदराबाद में सभा नहीं हो पाई।

प्रधानमंत्री मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ की ही सबसे अधिक डिमांड होती है। भाजपा में पीएम मोदी के साथ-साथ अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी स्टार प्रचारक की भूमिका में आ गए हैं। कहीं-कहीं तो योगी आदित्यनाथ, पीएम मोदी के मुकाबले 'बीस' साबित होते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में प्रचार के लिए ऐसे नेता बनकर उभरे हैं जो मोदी के बराबर ही चुनावी सभाएं करते हैं।

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