जेल के मोबाइल जैमर बने जी का जंजाल, लोग नहीं कर पा रहे फोन

Update: 2016-07-02 22:46 GMT

मुजफ्फरनगरः यूपी की 22 जेलों में मोबाइल फोन जैमर लगाने का काम चल रहा है। सबसे पहले मुजफ्फरनगर जेल में छह जैमर लगाए गए हैं, लेकिन ये जैमर जेल के आसपास रहने वालों के लिए मुसीबत से कम नहीं हैं। जैमरों की वजह से न तो लोग कॉल कर पाते हैं और न ही उनके फोन पर कॉल आती है। वहीं, जेल में बिजली गुल होने पर जैमर ठप हो जाते हैं और अपराधियों के लिए छिपकर फोन करना आसान हो जाता है।

क्या है मामला?

-मुजफ्फरनगर जेल से कई बार फोन कर रंगदारी मांगने और जेल में सेल्फी लेकर सोशल मीडिया में अपलोड करने की घटनाएं सामने आईं।

-इसके बाद यहां 3.25 करोड़ की लागत से मोबाइल फोन जैमर लगाए गए हैं।

-जैमर लगने के बाद जेल के आसपास रहने वालों के फोन भी काम नहीं करते।

लोगों का क्या कहना है?

-स्थानीय निवासी तनु गोयल के मुताबिक जरूरत पड़ने पर भी कॉल नहीं कर पातीं।

-आसपास के लोगों को भी यहां मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलता है।

-जेल के पास रहने वाले आशु त्यागी भी जैमर की वजह से परेशान हैं।

-प्रशासन से सभी मांग कर रहे हैं कि वह कुछ कदम उठाए, ताकि मोबाइल फोन काम कर सकें।

जेल प्रशासन का क्या कहना है?

-जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने स्थानीय लोगों पर ही ठीकरा फोड़ा है।

-राकेश के मुताबिक जेल से 100 फुट दूर मकान बनाने चाहिए।

-उन्होंने कहा कि नियम का उल्लंघन कर लोगों ने 10-10 फुट दूर पर ही मकान बना लिए हैं।

-बिजली जाने पर जैमर ठप न हो, इसके लिए एक हफ्ते में जेनरेटर लगाया जाएगा।

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