बुद्ध के संदेशों को आगे बढ़ा रहे हैं मोदी और योगी: डॉ. निर्मल
बुद्ध ने दुनिया को करुणा मैत्री एवं शांति का संदेश दिया, सामाजिक समानता उनके संदेश के मूल में था।
लखनऊ। बुद्ध ने दुनिया को करुणा मैत्री एवं शांति का संदेश दिया, सामाजिक समानता उनके संदेश के मूल में था। बुद्ध ने सफाई का कार्य करने वाले सुमित भंगी को अपने संघ में सम्मिलित किया। उन्होंने सुमित से कहा था तुम अस्वच्छ पेशे को छोड़ दो, रोजगार का यह माध्यम कल्याणकारी नहीं है। बाद में चलकर सुमित बुद्ध प्रिय हुए।
उक्त विचार आज अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान द्वारा बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित वेबीनार में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने व्यक्त किए। डॉ. निर्मल ने कहा की बुद्ध ने ना केवल एक वंचित को संघ में स्थान दिया वरन महिलाओं को भी संघ में स्थान देकर समानता का संदेश दिया।
डॉ. निर्मल ने कहा जब वैशाली राज्य में तीव्र महामारी फैली हुई थी, चारों तरफ मृत्यु का तांडव हो रहा था, लोग भयभीत थे तभी लिच्छवी राजा के आमंत्रण तथा वैशाली राज्य की जनता की मांग पर बुद्ध वैशाली नगर गए। उनके पहुंचने से नगर की गतिविधियां ठहर सी गई थी, बुद्ध ने नगर वासियों से अपने घरों में रहकर ध्यान और पूजा करने का संदेश दिया। महामारी समाप्त होने पर बुद्ध ने कहा की थोड़ी पूजा और ध्यान से जीवन में परिवर्तन आता है। उन्होंने कहा था थोड़े समय के लिए अल्प सुख के त्याग से बड़े सुख की प्राप्ति होती है। भगवान बुद्ध का साफ संदेश था की विपरीत परिस्थितियों में सब कुछ छोड़ कर हमें ध्यान और पूजा को वरण करना चाहिए।
डॉ. निर्मल ने कहां की आज की महामारी में लॉकडाउन भी बुद्ध के उसी संदेश प्रतिरूप है। महामारी के समय अपने घरों में ठहर जाने से बड़ा बचाव दूसरा नहीं हो सकता। डॉ. निर्मल ने आगे यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुद्ध के समता के संदेश को आगे ले जाने का कार्य कर रहे हैं। सफाई कर्मियों के पैर धोकर उन्हें सम्मान देने तथा घर-घर शौचालय बनवा कर हाथ से मैला उठाने की प्रथा पर पूर्ण विराम लगा कर नरेंद्र मोदी ने सुमित भंगी के प्रति व्यक्त किए गए विचार को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। महामारी के समय संक्रमितों के बीच जा जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुद्ध और गांधी के सेवा भाव को आगे बढ़ाया है।