मोहम्मद ज़ुबैर से जुड़े मामले में SC का बड़ा फैसला, अंतरिम जमानत देते हुए यूपी पुलिस को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Mohammad Zubair: वकील ने Supreme Court का दरवाजा खटखटाकर ज़ुबैर की जान को खतरा बताते हुए जमानत याचिका दाखिल की थी। SC ने कुछ शर्तों के आधार पर 5 दिनों की अंतरिम जमानत दी ।

Report :  Rajat Verma
Update: 2022-07-08 09:21 GMT

मोहम्मद ज़ुबैर को ट्वीट मामले में सुप्रीम कोर्ट में मिली अंतरिम जमानत: photo - social media

Mohammad Zubair: फैक्ट चेकिंग वेबसाइट Alt News के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर (Mohammad Zubair) के खिलाफ उनके ट्वीट को आधार बनाते हुए हिन्दू धर्म (Hindu religion) की भावनाएं आहत करने को लेकर सीतापुर पुलिस (Sitapur Police) द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसके चलते उन्हें पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था। बीते दिन सीतापुर जिला न्यायालय (Sitapur District Court) द्वारा मोहम्मद ज़ुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है तथा ज़ुबैर के वकील ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाकर ज़ुबैर की जान को खतरा बताते हुए जमानत याचिका दाखिल की थी। आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें कुछ शर्तों के आधार पर 5 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी है।

आपको बता दें कि बीते दिन सीतापुर न्यायालय द्वारा मोहम्मद ज़ुबैर (Mohammad Zubair) की जमानत याचिका खारिज होने के बाद आज न्यायालय ने उन्हें 5 दिन की आंतरिक जमानत प्रदान कर दी है। हालांकि, बावजूद इसके दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एक अन्य प्राथमिकी के चलते उनके न्यायिक हिरासत में रहने की बात बताई जा रही है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था, जिसमें ज़ुबैर के एक ट्वीट को धार्मिक स्थलों के महंतों के प्रति आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने और हिन्दू आस्था का प्रतीक व धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद ज़ुबैर को अंतरिम जमानत देते हुए उनकी याचिका पर उत्तर प्रदेश पुलिस को भी नोटिस जारी किया गया है जिसमें यूपी पुलिस से मामले से जुड़े कई सवालों के जवाब मांगे गए हैं।एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने मोहम्मद ज़ुबैर की जमानत को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि मोहम्मद ज़ुबैर के ट्वीट को अपराध बताते हुए कहा कि उन्होनें सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल अपनी याचिका में कई अहम तथ्य पर पर्दा डाला है।

वहीं दूसरी ओर मोहम्मद ज़ुबैर के वकील गोंजाल्विस ने अपना तर्क पेश करते हुए कहा कि मोहम्मद ज़ुबैर पर गलत धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और ट्वीट करने की बात कबूलने पर भी उनका फ़ोन जबरन जब्त किया गया। वकील गोंजाल्विस ने ज़ुबैर को मिल रही जान से मारने की धमकी के चलते उन्हें जमानत देने की गुहार लगाई कही। साथ ही ज़ुबैर के वकील ने यह भी कहा कि जो लोग वास्तविक रूप से नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं वह खुलेआम घूम रहे है और ज़ुबैर को मात्र फंसाया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए कही यह बात

सुप्रीम कोर्ट ने alt news के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को 5 दिन की अंतरिम जमानत प्रदान करते हुए उन्हें इस बीच मामले से जुड़ा कोई भी ट्वीट या पोस्ट ना करने की हिदायत दी है तथा साथ ही यह आदेश भी जारी किया है कि मोहम्मद ज़ुबैर अग्रिम आदेशों तक सीतापुर न्यायालय से जुड़े अधिकार क्षेत्र को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। आपको बात दें कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मात्र उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) द्वारा मामले की सुनवाई की गई है और इसी के आधार पर अंतरिम जमानत की गई है। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) का वर्तमान संबंध मोहम्मद ज़ुबैर से जुड़े यूपी में दर्ज मामलों से है।

आपको बता दें कि alt news एक फैक्ट चेकिंग वेबसाइट है जो सोशल मीडिया पर आने वाले तथ्यों की जांच करती है तथा इसकी शुरुआत मोहम्मद ज़ुबैर और उनके सहयोगी प्रतीक सिन्हा ने की थी। भारत में alt news के अहमदाबाद और कोलकाता में दो ऑफिस हैं जहां से कुल 12 कर्मचारी काम करते हैं।

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