यूपी के इस गांव में जानलेवा जानवर के हमले से जख्मी हुए कई बच्चे, वन विभाग ने कहा- तेंदुआ नहीं, कोई और जानवर

मुरादाबाद के मूलावान गांव में किसी जानवर ने लोगों पर हमला कर दिया। इस हमले में कई बच्चे गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं। फ़िलहाल हमला कौन से जानवर ने किया यह बताने की स्थिति में वन विभाग की टीम नहीं थी।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Sudhir Goyal
Update:2022-02-02 15:31 IST

जानवर के हमले में घायल लोग

मुरादाबाद। कड़ाके की ठंड में डिलारी के मूलावान गांव के बाशिंदे अपने घरों में लिहाफ और कंबल लपेटकर सो रहे थे कि आधी रात को आरिफ के घर से चीखें आने लगी बचाओ-बचाओ तेंदुए ने हमला कर दिया। आसपास के घरों के लोग जाग गए और आंखें मलते हुए घरों से बाहर निकलने वाले थे कि एक ओर घर से बचाओ-बचाओ तेंदुआ आ गया की चीखें गूंजने लगी और फिर एक और घर से यही चीखें आई तो गांव में जाग हो गई। गांव में कोहराम मच गया और ग्रामीण रातभर अपने बच्चों की हिफाजत करने लगे। तेंदुए के हमले से चार बच्चों समेत सात लोग जख्मी हो गए। पुलिस को सूचना दी गई तो वन विभाग की टीम भी आ गई, लेकिन कुछ साफ नहीं हो सका। दोपहर में फिर वन विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया, हालांकि टीम का कहना है कि पैरों के निशान और हमले से लगता है कि तेंदुआ नहीं आया था। हमलावर कौन से जानवर हुआ यह बताने की स्थिति में टीम नहीं थी।

बच्चों की हिफाजत को रात भर जागे ग्रामीण

डिलारी क्षेत्र के मूलावान गांव में आधी रात को तेंदुए ने इरफान अहमद, सुकलीन और आरिफ के घर हमला किया। हमले में छोटे (4) साकिब (6) अल्फिजा (10) उज्मा (4) के साथ अनतुम, इरफान आदि को जख्मी कर दिया। ग्रामीण गुड्डू ने बताया कि रात में घना कोहरा होने के कारण घरों से बाहर कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। रात करीब डेढ़ बजे जानवर ने कई घरों में हमला किया। देखने में वह तेंदुआ ही लग रहा था। गांव के लोगों ने शोर मचाकर तेंदुए को भगाने का प्रयास किया। ग्राम प्रधान गब्बन ने बताया कि रात भर पूरा गांव जाग कर बच्चों की हिफाजत करता रहा। रातभर लोग शोर शराबा करते रहे। उन्होंने पुलिस को फोन किया था, लेकिन पुलिस नहीं आई। तड़के चार बजे वन विभाग की टीम आ गई थी, लेकिन उन्हें कुछ समझ नहीं आया।

दोपहर करीब साढ़े बारह बजे फिर वन विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया। उन्होंने घायलों के परिजन से जानवर की बाबत पूछताछ की और आसपास से जानवर के पैरों के निशान का नमूना भी लिया। बीट इंचार्ज गणेश ने बताया कि तेंदुआ की पहचान नहीं हो रही है। पेरों के निशान अलग हैं और हमला करने का तरीका भी। तेंदुआ गले पर वार करता है जबकि घायलों के सिर, गाल आदि पर पंजे के निशान हैं। गणेश ने कहा कि हमला करने वाला कौन से जानवर था, यह अभी नहीं कहा जा सकता है। वह एकत्र किए साक्ष्य को जांच के लिए भेज रहे हैं। ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।

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