Moradabad News: जैन सम्माज का विश्व शांति रथ आज अयोध्या रवाना

Moradabad News: माताजी के संघ में 8 साध्वी हैं। 89 वर्षीय माताजी साधु जीवन के 70 वर्ष पूर्ण कर चुकी हैं।

Report :  Sudhir Goyal
Update: 2022-11-10 07:02 GMT

जैन सम्माज का विश्व शांति रथ आज अयोध्या रवाना (photo: social media )

Moradabad news: अयोध्या हिंदुओं की ही नहीं जैन धर्म की भी सबसे बड़ी तीर्थ नगरी है। अयोध्या को भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में पूरा विश्व जनता ही है। परंतु अयोध्या जैन समाज की भी सबसे बड़ी तीर्थ नगरी भी है ये बहुत कम लोग जानते हैं। ये जैन समाज के ग्रंथों में भी लिखा हुआ है।

आज मुरादाबाद के टीएमयू में दो दिन प्रवचन कर दिगंबर जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी गणनी प्रमुख आर्यिकारत्न ज्ञानमती माताजी का संघ का मंगल विहार (प्रस्थान) मुरादाबाद से शाश्वत नगरी अयोध्या के लिए हुआ। उनके साथ उनका विश्व शांति रथ भी था। माताजी के संघ में 8 साध्वी हैं। 89 वर्षीय माताजी साधु जीवन के 70 वर्ष पूर्ण कर चुकी हैं। माताजी की सांसारिक शिक्षा तो मात्र कक्षा चार तक हुई है लेकिन उन्होंने संस्कृत, मराठी, कन्नड़, हिंदी आदि भाषाओं में लगभग 500 ग्रंथ लिखे हैं।

टीएमयू मुरादाबाद ने उनको डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी प्रदान की थी। अयोध्या नगरी ऐसे तो भगवान श्रीराम के मन्दिर पर आतताई बाबर द्वारा विध्वंस के कारण विश्व प्रसिद्ध हुई है लेकिन यह जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ सहित 5 तीर्थंकर की जन्मस्थली अयोध्या की शाश्वत नगरी है।

जैन धर्म के अनुसार अनन्त तीर्थंकरों की जन्मभूमि होने से यह अयोध्या नगरी शाश्वत एवं अनादि तीर्थ है। माताजी के दिशा निर्देशन में इस प्रमुख तीर्थ स्थान के विकास का कार्य किया जा रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में माताजी का विहार अयोध्या जी के लिये हुआ है। माताजी लगभग डेढ़-दो माह में अयोध्या पहुंचेंगी। विदित हो को जैन साधु-संत पैदल ही यात्रा करते हैं।

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