UCC : 'हम शरीयत को ही मानेंगे, कुरान का हुक्म नहीं छोड़ेंगे', सपा सांसद एसटी हसन का समान नागरिक संहिता पर बड़ा बयान
MP ST Hasan on UCC : समाजवादी पार्टी सांसद एसटी हसन ने कहा है कि समान नागरिक संहिता कानून (UCC) बीजेपी का चुनावी हथकंडा है। उन्होंने बीजेपी पर मुसलमानों को परेशान करने का आरोप लगाया।
MP ST Hasan on UCC : यूपी के मुरादाबाद (Moradabad) से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन (SP MP ST Hasan) ने समान नागरिक संहिता कानून (UCC) को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का चुनावी हथकंडा बताया। सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि, 'बीजेपी कोई भी कानून बना ले, हम उसे नहीं मानेंगे। हम शरीयत के कानून को ही मानेंगे।' समाजवादी पार्टी के इस बयान पर बवाल मचना तय माना जा रहा है। विरोधी उनके इस बयान को संविधान के खिलाफ मान रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा, 'समान नागरिक संहिता कानून लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी का चुनावी एजेंडा है। ये मुसलमानों को परेशान करना चाहते हैं। हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत पैदा करना चाहते हैं। लेकिन, हम शरीयत कानून (Sharia Law) को मानते हैं और उसी को मानेंगे। हम कुरान के हुक्म को नहीं छोड़ सकते। ये (बीजेपी) कितना ही कानून बना लें, हम अपने बच्चों को वसीयत कर देंगे, इनका कानून एक तरफ धरा का धरा ही रह जाएगा।'
'इनका कानून एक तरफ धरा रह जाएगा'
समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. सैयद तुफैल हसन (MP ST Hasan) ने कहा है कि, 'समान नागरिक संहिता (UCC) बीजेपी का चुनावी एजेंडा है। दरअसल ये (बीजेपी) मुसलमानों को परेशान करना चाहते हैं। हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत पैदा करना चाहते हैं। लेकिन, हम शरीयत कानून को मानते हैं आगे भी उसी को मानेंगे। हम कुरान के हुक्म को नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा, वो कितना ही कानून बना लें, हम अपने बच्चों को वसीयत कर देंगे। इनका कानून एक तरफ धरा का धरा ही रह जाएगा।'
कोई कितनी ही शादियां करे, आपको क्या?
एक खबरिया चैनल के मुताबिक, एसटी हसन ने पूछा, 'तीन तलाक (Triple Talaq), बहु विवाह (Polygamy) पर उन्हें क्या तकलीफ है? जब आपने लिव इन रिलेशन (Live in relation) को कानूनी कर दिया तो अब कोई कितनी ही शादियां करे, आपको क्या परेशानी?
समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), तीन तलाक, कश्मीर से अनुच्छेद- 370 के हटने से हमारे हिंदू भाइयों को क्या मिल गया? उनका क्या फायदा हुआ? क्या उन्हें नौकरियां मिल गईं? क्या उन्हें कारोबार मिल गया? कुछ नहीं मिला। ये सब इनका चुनावी हथकंडा है।'