Moradabad News: 44 साल बाद बाहर आया कूड़े के ढेर में दबा मंदिर, जल्द शुरू होगी नित्य पूजा अर्चना
Moradabad News: मंडल मुरादाबाद में सम्भल के बाद मुरादाबाद के अति व्यस्तम ओर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में सोमवार को गौरी शंकर मंदिर की खुदाई शुरू हुई, परंतु दोपहर तक मिट्टी कूड़ा हटाने बाद जो खुदाई हुई तो शाम के समय उसमें मूर्तियां दिखाई देने लगी।
Moradabad News: मुरादाबाद के थाना नागफणी क्षेत्र के झब्बू के नाले के समीप गौरी शंकर मंदिर के लिए प्रशासन ने आज दोपहर बाद खुदाई शुरू कराई। थोड़ी देर में ही मलबे और कूड़े के ढेर में दबा मंदिर बाहर आ गया और शिव लिंग, हनुमान जी ओर नंदी की मूर्तियां निकल आईं। जिला अधिकारी ने कहा कि मूर्तियों को सुरक्षित कर मंदिर की पूर्ण सुरक्षा करने के उपरांत मंदिर में नित्य पूजा अर्चना की व्यवस्था की जाएगी।
44 वर्षों के बाद मंदिर के लिए सफाई कराई जा रही है। अभी एक सप्ताह पूर्व जिला अधिकारी को मंदिर संस्थापक के पौत्र ने एक प्रार्थना पत्र देकर मंदिर खुलवाने की मांग की थी ओर मंदिर संबंधी नक्शा ओर कागज भी दिखाए थे। 100साल पुराने गौरी शंकर मंदिर को खुलवाने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल मुरादाबाद के जिला अधिकारी से मिल कर शिकायत की।
मंडल मुरादाबाद में सम्भल के बाद मुरादाबाद के अति व्यस्तम ओर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में सोमवार को गौरी शंकर मंदिर की खुदाई शुरू हुई, परंतु दोपहर तक मिट्टी कूड़ा हटाने बाद जो खुदाई हुई तो शाम के समय उसमें मूर्तियां दिखाई देने लगी। जब शाम को पूरे क्षेत्र की सफाई की गई तो मंदिर में शिव लिंग, हनुमान जी ओर नंदी की मूर्तियां दिखाई देने लगीं।
मुरादाबाद के थाना नागफणी क्षेत्र में झब्बू के नाले के स्थित ये मंदिर 1980के दंगे के बाद से बंद पड़ा हुआ है। बताया जाता है कि 1980 के दंगे में आस पास के मुस्लिम लोगों ने यहां रह रहे हिंदू परिवार को मार पीट कर भगा दिया था और मंदिर के पुजारी भीम सेन को घर में आग लगा कर जला के मार डाला था।
शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन के निर्देशन पर आज मंदिर के चारों ओर से दीवार हटाई गई और खुदाई के बाद सोमवार की शाम को मंदिर के गर्भ में हनुमान जी शिव लिंग ओर शिव परिवार ओर नंदी महाराज की मूर्तियां मिलनी शुरू हो गई जिसे 1980के दंगे के बाद से दीवार लगा कर बंद कर दिया गया था तथा मंदिर पर मिट्टी ओर कूड़ा आदि डाल कर ढक दिया गया था। जिला अधिकारी ने कहा कि मूर्तियों को सुरक्षित कर मंदिर की पूर्ण सुरक्षा करने के उपरांत मंदिर में नित्य पूजा अर्चना की व्यवस्था की जाएगी।