सिंचाई विभाग की योजनाओं में मनरेगा के तहत मजदूरों को मिले अधिक रोजगार: जलशक्ति मंत्री

उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने विभागीय अधिकारियों को कोविड-19 के प्रकोप के चलते विभिन्न राज्यों से उत्तर प्रदेश में लौट रहे प्रवासी मजदूरों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के निर्देश दिये है।

Update:2020-05-27 23:35 IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने विभागीय अधिकारियों को कोविड-19 के प्रकोप के चलते विभिन्न राज्यों से उत्तर प्रदेश में लौट रहे प्रवासी मजदूरों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के नहरों, नालों एवं बाढ़ संबधी संरचनाओं आदि में मनरेगा के तहत अधिकतम रोजगार के अवसर प्रदान कर मजदूरों को रोजी-रोटी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

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मंगलवार देर रात मनरेगा के तहत विभागीय कार्यो को कराये जाने के संबंध में वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के संकल्पों के अनुसार उत्तर प्रदेश लौट रहे लाखों श्रमिकों को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में मनरेगा के माध्यम से रोजगार मुहैया कराना है। इसलिए मनरेगा योजना को सरकार के आर्थिक पैकेज में शामिल किया गया है।

उन्होंने विभिन्न जनपदों के अधिशासी अभियन्ताओं से लेकर प्रमुख अभियन्ता स्तर तक के अधिकारियौन को निर्देश दिये की कोविड महामारी के कारण लाॅकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजी-रोटी के साधन उपलब्ध कराया जाना राज्य सरकार की सर्वोच्चय प्राथमिकता है। इसलिए विभागीय अधिकारी पूरी मनोयोग के साथ श्रमिकों को अधिक से अधिक रोजगार सुलभ कराने के लिए हर संभव प्रयास सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि रोजगार दिलाये जाने संबधी कार्यों को पूरी गम्भरीता से लिया जाये, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही व उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

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डा. महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश की नहरों की पटरियों की मरम्मत, जंगल घास आदि की सफाई तथा सभी नहरों को साफ-सुथरा स्वरूप देकर पूरी क्षमता से चलाने योग्य बनाने के लिए सभी अभियन्ता मनरेगा के माध्यम से कार्य के अवसर सृजित करते हुए श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं से जोड़े।

वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के दौरान डा. महेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना तथा मानसून से पहले बाढ़ से बचाव संबंधी सभी तैयारियों की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये की खरीफ की फसलों की सिंचाई के लिए नहरों को पूरी क्षमता से संचालित किये जाने के लिए नहरों की सिल्ट सफाई तथा नलकूपों का संचालन सुनिश्चित किया जाये।

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से बचाव की तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही है। वर्षाकाल शुरू होने से पहले सारे कार्य पूरे कर लिये जायेंगे। वीडिया कान्फ्रेन्सिंग में यह भी बताया गया कि जून के पहले सप्ताह से शासन स्तर के बड़े अधिकारी द्वारा बाढ़ कार्यों का मौके पर सत्यापन व निरीक्षण किया जायेगा। इसके अलावा जल शक्ति राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख तथा राज्यमंत्री विजय कश्यप द्वारा भी बाढ़ की तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया जायेगा।

बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं में अब तक 149 करोड़ रुपये लागत की 3268 कार्ययोजनाएं मनरेगा के तहत प्रस्तावित की गयी है। इनमें से 76 पर कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है। शेष परियोजनाओं को भी शीघ्र ही ग्राम पंचायतों व क्षेत्र पंचायतों के श्रम बजट में शामिल कराने के पश्चात कार्य शुरू करा दिया जायेगा। इस प्रकार इन योजनाओं के तहत लगभग 70 लाख मानव दिवस के बराबर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

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अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक जनपद के लिए नहरों पर मनरेगा के तहत कार्य कराये जाने के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जायेगा, जो जिला प्रशासन से समन्वय करके प्रगति आदि के बारे में लगातार अनुश्रवण करेगा। इसी प्रकार विभाग के मुख्यालय पर भी मनरेगा के कार्यों के अनुश्रवण एवं धन आवंटन आदि के अनुश्रवण के लिए अधीक्षण अभियंता के नियंत्रण में एक मनरेगा सेल का गठन कर दिया गया है।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव

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