कुशीनगर में जलनिगम की लापरवाही से 500 से ज्यादा लोग बीमार

जल निगम की बड़ी लापरवाही के कारण यूपी के कुशीनगर जिले में डायरिया के प्रकोप से लगभग 500 से अधिक लोग बीमार हो गए हैं ।

Update:2017-07-24 21:21 IST
कुशीनगर में जलनिगम की लापरवाही से 500 से ज्यादा लोग बीमार

कुशीनगर: जल निगम की बड़ी लापरवाही के कारण यूपी के कुशीनगर जिले में डायरिया के प्रकोप से लगभग 500 से अधिक लोग बीमार हो गए हैं । इनमें ज्यादातर बच्चों और बुजुर्गों की संख्या है। ऐसा उस समय सामने आया जब गोरखपुर में प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य गोरखपुर मंडल की समीक्षा बैठक ले रहे थे। यह प्रकोप कसया नगरपालिका क्षेत्र के विशुनपुरा गांव के वार्ड नंबर दो में बना हुआ दिख रहा है। हैजा और डायरिया के रूप में फैल चुके इस बीमारी के चपेट में आकर गांव के हर घर मे 3 से 4 लोग बीमार हैं।

माना जा रहा है कि पानी की टंकी से दूषित पानी की सप्लाई के कारण ऐसी स्थित बनी है। बीमार लोगों को स्थानीय सीएचसी और जिला अस्पताल भेजा गया है। बता दें कि इसी गांव की पानी की टंकी में लगभग दस साल पहले एक व्यक्ति की डेड बॉडी भी मिली थी।

मिली जानकारी के अनुसार, कुशीनगर का कसया नगर पालिका क्षेत्र का विशुनपुरा गांव में दूषित पानी पीने से गांव में हैजा और डायरिया के प्रकोप ने कहर मचा दिया है। इस गांव के हर घर में 3-4 लोग बीमार हैं। जिन्हें उल्टी और दस्त की शिकायत है। एक के बाद एक बढ़ते मरीजों की संख्या दोपहर बाद जब बढ़ने लगी तो ये खबर आग की तरह फैली और सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और गांव में कैंप लगाकर प्रशाशन ने फ़ौरी कार्यवाही शुरू की।

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स्वास्थ्य विभाग ने माना है कि इस प्रकोप से 500 से अधिक लोग पीड़ित हैं। इस बीमारी के चपेट में बुजुर्गों के साथ-साथ महिलाएं और ज्यादातर बच्चे भी आए हैं। यह प्रकोप रविवार से शुरू हुआ है और सोमवार दोपहर तक विकराल रुप ले लिया।

गांव वालों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि लोगों ने गांव में लगे जलकल विभाग की पानी की टंकी से पानी पीना शुरू किया तो कुछ घरों के लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत शुरु हो गई। जिससे पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई।

जब इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग को दी गई तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जब सोमवार सुबह इसका प्रकोप बढ़ने लगा और दोपहर तक काफी संख्या में लोग बीमार पड़ने लगे तब स्वास्थ्य विभाग जागा।

आनन-फानन में प्रशासन ने मरीजों को एम्बुलेंस से कसया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया और जब अस्पताल में सभी बेड भर गए तो अन्य को जिला अस्पताल भेजा जाने लगा।

उपजिलाधिकारी श्रीप्रकाश शुक्ल ने बताया कि डॉक्टर गांव में फैली डायरिया के पीछे दूषित पानी का सेवन बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि जो पानी की टंकी है वह लगभग 20 साल पुरानी है और इस टंकी में पानी पहुंचाने के लिए जो पाइप डाली गई है वह कई जगहों से फट चुकी है जिसके कारण दुषित पानी सप्लाई के पानी मे मिलकर गांव के घरों तक पहुंच गया।

गांव वालों का आरोप है कि इसकी शिकायत कसया ब्लॉक और स्वास्थ्य विभाग को देने के बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया। जबकि स्वास्थ्य विभाग को भी बार-बार सूचना देने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना नहीं हुआ।

बताया जा रहा है कि इसी गांव की पानी की टंकी में 10 साल पहले एक शव मिला था जो काफी दिनों से इस टंकी में था। इसकी जानकारी तब हुई थी जब लोगों के घरों में पीने के पानी मे शव की दुर्गंध युक्त मांस का टुकडा पहुंचने लगा। उस समय भी काफी लोग बीमार हुए थे।

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