UP News: कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला की मुश्किलें बढ़ीं, वाराणसी कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट
UP News: कांग्रेस में गांधी परिवार के बेहद करीबियों में गिने जाने वाले राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
UP News: कांग्रेस में गांधी परिवार के बेहद करीबियों में गिने जाने वाले राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। दरअसल, 23 साल पुराने एक मामले में 10 अगस्त को वाराणसी के विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में उनको पेश होना था। लेकिन वे गैर हाजिर रहे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होनी है।
अभियोजन पक्ष की ओर से बताया कि 23 साल पुराने बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इसमें रणदीप सुरजेवाला ने प्रदर्शन कर चक्का जाम किया था। कांग्रेस नेताओं पर प्रदर्शन के बहाने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इस मामले में सुरजेवाला समेत 25 कांग्रेस नेताओं को आरोपी बनाया गया है। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि उनके नेताओं को फर्जी ढंग से तत्कालीन सरकार द्वारा फंसाया गया।
सुरजेवाला को हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा एमपी रणदीप सुरजेवाला 23 साल पुराने इस मुकदमे को रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। हालांकि, वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। पेशे से खुद एक वकील रहे सुरजेवाला के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी थी कि गिरफ्तारी प्रपत्र और केस डायरी में उनका नाम नहीं है। इसके बावजूद उनके खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई।
बता दें कि ये मामला 21 अगस्त 2000 का है, उस दौरान रणदीप सुरजेवाला युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे। उनके और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एसपी गोस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेसी कमिश्नर के कार्यालय परिसर में जबरन घुस गए थे। इस दौरान जमकर हंगामा और तोड़फोड़ किया था। पुलिस ने जब उन्हें समझाने की कोशिश की तो वे उनसे उलझ पड़े। इसके बाद पुलिस ने जब हल्का बल प्रयोग किया तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसमें कई पुलिसकर्मी चोटिल हुए थे। पुलिस ने उस दौरान सुरजेवाला और एसपी गोस्वामी को गिरफ्तार भी किया था। हालांकि, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।