Mulayam Singh Yadav Birthday: 'नेताजी' का हर दौर में रहा जलवा, सपा इस बार जन्मदिन को ऐसे बनाएगी खास
Mulayam Singh Yadav Birthday: 'नेताजी' भले ही आज हमारे बीच नहीं रहे, मगर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच उनकी यादें आज भी ताजा है। इस दिन को खास बनाने की तैयारी जारी है।
Mulayam Singh Yadav Birthday : समाजवादी पार्टी के संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के साथ ही राजनीति के एक युग का अवसान हो गया। 'नेताजी' भले ही न रहे हों, लेकिन उनकी यादें, प्यार और स्नेह सदैव पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाता रहेगा। आगामी 22 नवंबर को मुलायम सिंह का जन्मदिन है। उस दिन को खास बनाने के लिए समाजवादी पार्टी और उसके कार्यकर्ता जी-जान से जुटे हैं। मुलायम सिंह यादव समाजवादी विचारधारा के थे। 'नेताजी' ने अपने राजनीतिक जीवन में राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और चौधरी चरण सिंह जैसी शख्सियतों के साथ काम किया था। जिसका असर ये हुआ कि उन्होंने यूपी की सियासी जमीन को समाजवाद के लिए उर्वर बनाया। अपने जवानी के दिनों में मुलायम सिंह पहलवानी किया करते थे।
जब सियासत में आए तो अपना पुराना 'चरखा दांव' नहीं भूले। जब जरूरत हुई उन्होंने पॉलिटिक्स में इस दांव का भरपूर इस्तेमाल किया। तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री रहे मुलायम सिंह यादव ने अपने सियासी जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे, मगर अपने समर्थकों के बीच वो हमेशा 'नेताजी' ही रहे।
इस बार खास होगा 'नेताजी' का जन्मदिन
आगामी 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन है। समाजवादी पार्टी ने इस बार अपने नेता की जयंती अलग तरीके से मनाने की योजना बनाई है। सपा प्रदेश के सभी जिलों में नेताजी का जन्मदिन मनाएगी। जिसके तहत कार्यकर्ता और पार्टी के बड़े नेता मुलायम सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इस दिन अस्पतालों में फल वितरण भी किया जाएगा। रक्तदान शिविर का भी आयोजन होगा। साथ ही, गरीबों में वस्त्र वितरण भी किए जाएंगे। समाजवादी पार्टी 22 नवंबर को गरीबों और भूखे लोगों के बीच भोजन वितरण का प्रबंध भी करने की योजना बना चुकी है।
नाम के अनुरूप ही थे 'मुलायम'
मुलायम सिंह यादव अपने नाम के ही अनुरूप व्यक्तित्व भी रखते थे। अपने समर्थकों और विरोधियों के प्रति भी उनका 'मुलायम' रुख बाकियों से अलग करता था। यही वजह थी कि, राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बावजूद बीजेपी हो या कांग्रेस या उनकी कट्टर विरोधी बसपा, सभी से मुलायम सिंह यादव के अच्छे रिश्ते बने रहे। बीते 10 अक्टूबर 2022 को उन्होंने अंतिम सांसें ली। निधन के बावजूद वो आज भी कार्यकर्ताओं के अंदर वैसे ही जिंदा हैं।