देश का नाम Bharat करने के पक्षधर थे मुलायम, घोषणापत्र में किया था वादा, यूपी विधानसभा में प्रस्ताव भी हुआ था पारित

India Vs Bharat: विपक्षी दलों की ओर से भले ही सरकार की इस पहल का विरोध किया जा रहा हो मगर अतीत में विपक्ष के कद्दावर नेता और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने इंडिया का नाम भारत किए जाने की जोरदार वकालत की थी।

Update:2023-09-06 13:26 IST
India Vs Bharat (photo: social media )

India Vs Bharat: पूरे देश में इन दोनों इंडिया बनाम भारत की बहस काफी तेज हो गई है। मोदी सरकार की ओर से इंडिया की जगह भारत को प्रचलन में लाने की ठोस कवायद शुरू कर दी गई है। इसके बाद इस मुद्दे को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है और विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल दलों के नेताओं ने सरकार की इस पहल का तीखा विरोध किया है। विपक्षी दलों का कहना है कि गठबंधन के नाम इंडिया से घबराकर मोदी सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है।

विपक्षी दलों की ओर से भले ही सरकार की इस पहल का विरोध किया जा रहा हो मगर अतीत में विपक्ष के कद्दावर नेता और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने इंडिया का नाम भारत किए जाने की जोरदार वकालत की थी। मुलायम की अगुवाई में सपा की ओर से 2004 के चुनाव के दौरान घोषणापत्र में देश का नाम बदलकर इंडिया से भारत किए जाने का वादा भी किया गया था। 2004 में यूपी विधानसभा में मुलायम सिंह ने इस बाबत प्रस्ताव भी पेश किया था जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था।

सपा के घोषणापत्र में किया था वादा

सपा संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव खुद को समाजवादी नेता डॉ राम मनोहर लोहिया का सिपाही मानते थे। डॉ लोहिया की तरह वे भी अंग्रेजी प्रभुत्व का विरोध किया करते थे। 2014 के चुनाव से पूर्व उन्होंने अपनी पार्टी के घोषणापत्र में वादा किया था कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो संविधान में देश का नाम इंडिया की जगह भारत कर दिया जाएगा।

पार्टी का कहना था कि संविधान में देश का नाम इंडिया होना एक बड़ी गड़बड़ी है और इस गड़बड़ी को दूर किया जाना चाहिए। इंडिया नाम को हटाकर देश का नाम भारत किया जाना चाहिए ताकि देश का पुराना गौरव वापस लाने में कामयाबी मिल सके।

यूपी विधानसभा में प्रस्ताव हुआ था पारित

यूपी विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान भी मुलायम सिंह ने कहा था कि वे चाहते हैं कि देश का नाम बदलकर भारत कर दिया जाए। मुलायम सिंह का कहना था कि संविधान में जिस जगह 'इंडिया इज भारत' लिखा गया है वहां 'भारत इज इंडिया' लिख दिया जाए। 2004 में वे प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और इस दौरान उन्होंने यूपी विधानसभा में इस बाबत प्रस्ताव भी पेश किया था।

यूपी विधानसभा में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। बाद में इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा गया था। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया। समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि मुलायम सिंह यादव हमेशा एक देश एक नाम के पक्षधर रहे।

इंडिया नाम अंग्रेजों की देन

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने देश का नाम बदलने की वकालत इसलिए भी की थी क्योंकि उनका मानना था कि इंडिया नाम अंग्रेजों की देन है। उनका कहना था कि अंग्रेजों के राज में देश का नाम बदलकर इंडिया कर दिया गया जबकि देश की पहचान हमेशा भारत नाम से ही रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मुलायम सिंह यादव ने अपनी इस बात को कई मौका पर दोहराया था।

अंग्रेजी के प्रभुत्व का हमेशा किया विरोध

मुलायम अंग्रेजी को बढ़ावा देने के सख्त खिलाफ थे और हमेशा हिंदी की वकालत किया करते थे। वे हमेशा मातृभाषा में पढ़ाई करने पर जोर दिया करते थे। उनका मानना था की मातृभाषा में पढ़ाई से छात्रों की प्रतिभा निखर कर बाहर आएगी और उन्हें चिंतन में भी मदद मिलेगी।

उनका कहना था की अंग्रेजी के बढ़ते पर बहुत प्रभुत्व के कारण मूल चिंतन प्रभावित होता है। इस कारण शिक्षित और अशिक्षित लोगों के बीच दूरी भी बढ़ जाती है। इस दूरी को खत्म करने के लिए उन्होंने हिंदी को बढ़ावा देने की वकालत की थी।

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