Mursan and Hilsa: मंगल ग्रह पर मिलेंगे यूपी और बिहार के कस्बे, वैज्ञानिकों ने की बड़ी खोज

Mursan and Hilsa: मंगल ग्रह पर मिले तीनों क्रेटर्स में से दो के नाम उत्तर प्रदेश और बिहार के कस्बे और एक नाम यूपी के वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया है।;

Written By :  Sidheshwar Nath Pandey
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Update:2024-06-16 10:03 IST
UP News

मंगल ग्रह। (Pic: Social Media)

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UP News: भारतीय वैज्ञानिक अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार नए खोज कर रहे हैं। हाल ही में अहमदाबाद के फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह की सतह पर तीन क्रेटर्स (गड्ढे) खोज निकाले हैं। इन तीनों क्रेटर्स में से दो के नाम उत्तर प्रदेश और बिहार के कस्बे और एक नाम यूपी के वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया है। वैज्ञानिकों की इस पहल से उत्तर प्रदेश के महान वैज्ञानिक का नाम अमर हो गया। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने इन तीनों नामों को मंजूर कर लिया है। मंगल ग्रह पर पाए गए सभी क्रेटर्स ग्रह के थारिस क्षेत्र में मौजूद हैं। सभी क्रेटर्स ज्वालामुखी से भरे हुए पाए गए हैं। 

इन क्रेटर्स का रखा गया नाम

लाल क्रेटर- मंगल ग्रह पर मिले इस क्रेटर की चौड़ाई 65 किलोमीटर है। इसका नाम पीआरएल के पूर्व निदेशक डॉ.देवेंद्र लाल के नाम पर रखा गया है। वाराणसी में जन्में और काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्नातक करने वाले 1972-83 तक निदेशक रहे। इनकी गिनती देश के प्रमुख कॉस्मिक रे वैज्ञानिकों में होती है।

मुरसान क्रेटर- मुरसान क्रेटर 10 किलोमीटर चौड़ा है। इसका नाम उत्तर प्रदेश के हाथरस में मुरसान कस्बे पर रखा गया है। यहां पीआरएल के मौजूदा निदेशक अनिल भारद्वाज का जन्म हुआ था। 

हिलसा क्रेटर- इसकी भी चौड़ाई 10 किलोमीटर है। इसका नाम बिहार के कस्बे हिलसा पर रखा गया है। यहां इन क्रेटर्स की खोज करने वाली टीम के वैज्ञानिक डॉ. राजीव रंजन भारती का जन्म हुआ था।

अंतरराष्ट्रीय नियमों का हुआ पालन

भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग की इकाई पीआरएल के निदेशक अनिल भारद्वाज के अनुसार क्रेटर्स के नाम रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों और निर्देशों का पालन करना होता है। उन्होंने बताया कि इन नियमों के अनुसार छोटे क्रेटर्स के नाम छोटे शहरों के नाम पर और बड़े क्रेटर्स के नाम प्रसिद्ध हस्तियों के नाम पर रखे जाते हैं। इसी क्रम में मंगल ग्रह पर पाए गए क्रेटर्स का नामकरण किया गया। क्रेटर्स का नाम रखने के लिए दो कस्बों मुरसान और हिलसा चुना गया। साथ ही सबसे बड़े क्रेटर के लिए डॉ. देवेंद्र लाल के नाम को प्रमुखता दी गई। पीआरल के दिए गए नामों पर अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने तीनों क्रेटरों के नाम की मंजूरी दे दी है। संघ की अनुमति के बाद अब इन क्रेटर्स का नाम आधिकारिक रूप से लाल क्रेटर, मुरसान क्रेटर और हिलसा क्रेटर कर दिया गया है। 

मगल की सतह पर मिले पानी के प्रमाण

तीनों क्रेटर्स की खोज से वैज्ञानिकों को ठोस प्रमाण मिले हैं। इनके मिलने से ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि मंगल ग्रह कभी गीला था। मंगल की सतह पर पानी बहने के प्रमाण मिले हैं। ये खोज देश और खगोलीय विज्ञान के भविष्य के लिए महत्तवपूर्ण माना जा रहा है। मंगल पर जीवन की खोज की खोज में ये प्रमाण अहम भूमिका निभाएंगे। साथ ही क्रेटर्स के लिए चुने गए नामों ने प्रदेश को नई उपलब्धि दी है। 

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