Muzaffarnagar News: 37 साल से फ़रार 25000 के इनामी लुटेरे को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Muzaffarnagar News: शातिर लुटेरा पिछले 37 सालों से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार चल रहा था जिस पर पुलिस द्वारा 25000 का इनाम भी घोषित किया गया था।

Report :  Amit Kaliyan
Update: 2023-01-24 13:32 GMT

Muzaffarnagar News (Newstrack)

Muzaffarnagar News Today: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की पुलिस ने 37 साल से फरार चल रहे एक 25000 के इनामी लुटेरे को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से पुलिस ने एक नाजायज चाकू भी बरामद क्या है।बताया जा रहा है कि ये शातिर लुटेरा पिछले 37 सालों से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार चल रहा था जिस पर पुलिस द्वारा 25000 का इनाम भी घोषित किया गया था। आपको बता दें कि खतौली कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को मुखबिर की सूचना पर चेकिंग के दौरान मेरठ रोड से 25000 के इनामी एक शातिर लुटेरे करतार निवासी मेरठ को गिरफ्तार किया है जो पिछले 37 सालों से फरार चल रहा था।

37 साल से फरार था आरोपी 

जानकारी के मुताबिक 27-10- 1985 को बुलंदशहर डिपो के बस परिचालक राजकुमार ने खतौली कोतवाली में तहरीर देकर बस की सवारियों से लूट शिकायत की थी। जिसमें पुलिस ने उस समय तुरंत धारा 395, 397 और 412 में मुकदमा दर्ज कर कुछ लुटेरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था लेकिन मेरठ निवासी करतार नाम का ये शातिर लुटेरा इस मामले में 37 सालों से फरार चल रहा था जिस पर पुलिस द्वारा 25000 का इनाम भी घोषित किया गया था । यह शातिर लुटेरा पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर पिछले 37 सालों से फरार चल रहा था। जिसे पुलिस ने आज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

ऐसे गिरफ्त में आया आरोपी

इस मामले की अधिक जानकारी देते हुए सीओ खतौली रविशंकर मिश्रा ने बताया कि खतौली थाने की पुलिस टीम ने चेकिंग के दौरान एक 25000 के बदमाश करतार सिंह जो मेरठ का रहने वाला है उसको गिरफ्तार किया है। 1985 में उसके विरोध लूट और डकैती के मुकदमे कायम थे यह लगातार 37 वर्षों से फरार चल रहा था चेकिंग के दौरान इसको पकड़ा गया है। पता चला है कि यह असम, उड़ीसा जैसे अलग-अलग राज्यों में अपना समय बिता रहा था यह वांछित था और इस पर 25000 का इनाम घोषित था इसके पास से एक चाकू बरामद हुआ है। आगे की कार्रवाई की जा रही है इसमें 6 लोग वांछित थे सभी को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। बाद में एक न्यायालय से वांछित चल रहा था लगातार यह न्यायालय के किसी भी कार्रवाई में नहीं गया था। इसके बाद इसके ऊपर पुरस्कार घोषित किया गया था जो भी विधिक कार्यवाही थी वह अमल में लाई गई और अब आगे की अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

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