Muzaffarnagar News: कौन आजमवादी सोच के साथ है, संजीव बालियान का तीखा बयान
Muzaffarnagar: केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने बयान देते कहा कि कौन आजमवादी सोच के साथ है उनका जनता मुकाबला करेगी क्योंकि मुजफ्फरनगर दंगों की पटकथा आजम खान द्वारा लिखी गई थी।
Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की खतौली विधानसभा सीट (Khatauli assembly seat) पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है। खतौली विधानसभा सीट पर भाजपा के विक्रम सैनी विधायक थे जिन्हें दंगों के एक मामले में कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद भाजपा के विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता समाप्त कर दी गई और अब खतौली विधानसभा सीट पर आगामी 5 दिसंबर को मतदान होना है उपचुनाव की तारीखों की औपचारिक घोषणा कर दी गई हैं, जिसपर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (Union Minister Sanjeev Balyan) ने बोलते हुए कहा कि इस बार भी भाजपा की ही जीत होगी।
कौन आजमवादी सोच के साथ है: बालियान
दंगों का जिक्र करते हुए बालियान ने कहा है कि कौन आजमवादी सोच के साथ है उनका जनता मुकाबला करेगी क्योंकि मुजफ्फरनगर दंगों की पटकथा आजम खान द्वारा लिखी गई थी। मुजफ्फरनगर की बर्बादी और दंगों के जिम्मेदारों को हम नहीं भूले हैं,बल्कि जो ताकतें उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
मुजफ्फरनगर की 6 विधानसभाओं में से एक खतौली विधानसभा
दरअसल जनपद मुजफ्फरनगर की 6 विधानसभाओं में से एक खतौली विधानसभा भी है जोकि दिल्ली देहरादून हाईवे पर स्थित है, खतौली विधान सभा मुजफ्फरनगर मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है। खतौली विधानसभा में लगभग 2,72,214 वोटर है जिसमें से 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान 69.70% मतदान हुआ था जिसके अनुसार 2,21,969 मतों में से भाजपा के विक्रम सैनी 1,00,651 वोट मिले थे भाजपा प्रत्याशी विक्रम सैनी के प्रतिद्वंदी रालोद प्रत्याशी राजपाल सैनी को 84,306 वोट मिले थे तो वहीं बसपा के करतार सिंह भड़ाना को 31,412 मत प्राप्त हुए थे। विक्रम सैनी 2022 में खतौली विधान सभा का चुनाव 16,345 वोटों से जीत गए थे।
खतौली विधान सभा सीट पर इन वोटों का बेहद प्रभाव
खतौली विधान सभा सीट पर जाट, सैनी, और गुर्जर जाति के वोटों का बेहद प्रभाव है, जो चुनाव को प्रभावित करने का माद्दा रखते हैं, जिसको देखते हुए राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा इस बार भी खतौली विधानसभा से उपचुनाव में अपने प्रत्याशी के रूप में एक बार फिर सैनी कार्ड खेल सकती है। तो वहीं दूसरी तरफ माना जा रहा है कि सपा और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन में खतौली विधानसभा सीट राष्ट्रीय लोकदल के सिंबल पर लड़ा जाएगा। जिसमें रालोद इस बार के उपचुनाव में गुर्जर प्रत्याशी के रूप में अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है क्योंकि जहां एक तरफ खतौली विधान सभा पर सपा गठबंधन होने की वजह से मुस्लिम वोटर रालोद के पक्ष में होगा। तो वही जाट के साथ-साथ गुर्जर की वोट भी रालोद अपने और खींचने का प्रयास करेगा, जो रालोद की जीत की प्रबल संभावना को जीवित करता है।
खतौली उपचुनाव की सभी तिथियां घोषित होने के बाद किसी भी पार्टी का कोई भी संभावित प्रत्याशी या पूर्व प्रत्याशी कैमरे पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। शायद उन्हें यह डर सता रहा है कि कैमरे पर बोलने से कहीं, उनके टिकट पर चाबुक ना चल जाए। वहीं मुजफ्फरनगर से सांसद और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने खतौली विधान सभा उप चुनाव पर बोलते हुए कहा कि इस बार भी भाजपा की ही जीत होगी ।