Muzaffarnagar News: हिन्दू मामा ने मुस्लिम भांजी की हेलीकॉप्टर से कराई विदाई , जिले भर मे तारीफ
Muzaffarnagar News: डॉक्टर आसमा की शादी मेरठ जनपद के नानु गांव निवासी शादाब के साथ आज नगर में स्थित एक बैंकेट हॉल में बड़ी ही धूम धाम के साथ हुई थी।;
हिन्दू मामा ने भात के रूप हेलीकॉप्टर से कराई विदाई जिले भर मे तारीफ (photo: social media )
Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में हिंदू मुस्लिम एकता की एक मिसाल उस समय देखने को मिली जब एक हिन्दू मामा ने अपनी मुंह बोली मुस्लिम भांजी की शादी में भात देकर न केवल रिश्तों की गरिमा ही निभाई बल्कि भांजी की विदाई हेलीकॉप्टर से कराकर जनपद में खूब चर्चा भी बटोरी।
दरसअल, मुजफ्फरनगर जनपद के छपार गांव निवासी डॉक्टर आसमा की शादी मेरठ जनपद के नानु गांव निवासी शादाब के साथ आज नगर में स्थित एक बैंकेट हॉल में बड़ी ही धूम धाम के साथ हुई थी। जिसमे हिंदू मुस्लिम सभी लोगों ने हिस्सा लिया था। इस शादी में हिंदू मुस्लिम सौहार्द की एक अनोखी मिसाल उस समय देखने को मिली जब दुल्हन आसमा के मुंह बोले मामा गुनिया जुड़ी गांव निवासी राहुल ठाकुर ने आसमा की शादी में भात देकर जहाँ सारी रस्में निभाई, तो वही मामा राहुल ने अपनी भांजी आसमा की विदाई हेलीकॉप्टर से कराकर एक अनोखी मिसाइल भी पेश की है। बताया जा रहा है कि दुल्हन की हेलीकॉप्टर से हुई इस विदाई में 5 लाख रुपये का खर्चा आया है।
दूल्हा शादाब भी बी फार्मा कर मास्टर की डिग्री कर रहा
आपको बता दे कि दुल्हन डॉक्टर आसमान इस समय कतार देश में कार्यक्रत है तो वहीं दूल्हा शादाब भी बी फार्मा कर मास्टर की डिग्री कर रहा है। बताया जा रहा है कि मामा राहुल और दुल्हन आसमा के परिवार में तीन पीढियां से मेल चला आ रहा है और यह दोनों परिवार हर सुख दुख में एक दूसरे के साथ तीन पीढ़ियों से खड़े होते नजर आ रहे हैं।
जिसके बारे में जानकारी देते हुए जहाँ दुल्हन के मुंह बोले मामा राहुल ठाकुर ने बताया कि राहुल ठाकुर , ये हमारी भांजी है जो उसके भात के लिए है ये यहां से उड़कर दुल्हन डॉ असमा नांनु गांव के लिए जाएगी अपने ससुराल। लड़का जो है एम फार्मा कर रखा है, मास्टर डिग्री है। यह लड़की डॉक्टर है कतर में। भात की तरफ से है यह हमारे तीन पीढियां का मेल है। इस परिवार से हमे ये नहीं पता ये मुस्लिम है, हम हिंदू हैं। ये परिवारिक रिश्ते हैं, तीन पीढियो से चले आ रहे । हम तो ये कहेंगे कि यह मुज़फ्फरनगर है लेकिन इसका दूसरा नाम मोहब्बत नगर भी है। यह चीनी और गुड की मिठास इतनी है कि यहाँ तो कभी हिंदू मुस्लिम फैक्टर चल ही नहीं सकता। यह तो भाई चारा का फैक्टर है। हमारे बीच हमारे फादर बीमार हुए, बहुत ज्यादा बीमार हुए थे यो परिवार ऐसा था मतलब रिश्तेदार आते थे साक्षी यहां की धरती है। कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया, हमारा कोई भी नहीं दे सकता।
दूल्हे शादाब की माने तो आज मेरी शादी है। बहुत अच्छा फील हो रहा है। बस सर हमारे राहुल ठाकुर मामू जी है। ये हमारे से अच्छा प्यार करते है। इन्होंने हमें गिफ्ट दिया है। तीन पीढ़ियों से नाता है। हमारा हिंदू मुस्लिम समाज एकता का उद्देश्य दिया है।नहीं सर ऐसा तो नहीं सोचा था, बहुत अच्छा फील हो रहा है।