Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर दंगों में बड़ा फैसला, गैंगरेप के आरोपितों को कोर्ट ने सुनाई ये सजा

Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े एक गैंगरेप के मामले में अदालत ने सजा सुनाई है। इस मामले के दो आरोपितों पर पॉस्को कोर्ट संख्या दो से 20-20 वर्ष की कठोर कारावास और 15 हज़ार रुपए का आर्थिक दंड दिया गया है।

Update:2023-05-09 23:37 IST
आरोपियों को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस (Pic: Newstrack)

Muzaffarnagar News: पूरे देश में चर्चित हुए 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े एक गैंगरेप के मामले में अदालत ने सजा सुनाई है। इस मामले के दो आरोपितों पर पॉस्को कोर्ट संख्या दो से 20-20 वर्ष की कठोर कारावास और 15 हज़ार रुपए का आर्थिक दंड दिया गया है।

आठ सितंबर 2013 को हुई थी दिल दहला देने वाली वारदात

जिस वक्त मुजफ्फरनगर जनपद दंगों की आग में झुलस रहा था, उस समय कई मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं सामने आई थीं। आरोप है कि उसी दौरान फुगाना थाना क्षेत्र के लाख गांव में एक महिला के साथ गैंगरेप किया गया था। इस घटना को कुलदीप, सिकंदर और महेशवीर ने अंजाम दिया था। महिला के बच्चे को जान से मारने की धमकी देते हुए आरोपित फरार हो गए थे। इस मामले में पीड़िता द्वारा 18 फरवरी 2014 को फुगाना थाने में नामजद तहरीर देकर इन आरोपितों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने तुरंत तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 376 डी, 376 (2) और 506 में मुकदमा दर्ज किया था।

तीसरे अभियुक्त की हो चुकी है मृत्यु

इस मामले में आज जनपद की पॉस्को कोर्ट संख्या दो ने अभियुक्त सिकंदर और महेश वीर को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। जबकि इस घटना का तीसरे अभियुक्त कुलदीप की इस दौरान मृत्यु हो चुकी है। न्यायालय के आदेश के बाद सिकंदर और महेश वीर को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

सिकंदर ने कहा- ‘महिला का नाम तक नहीं सुना’

दूसरी तरफ इस मामले में जेल जाते वक्त सिकंदर बार-बार यही कहता नजर आया कि उसने मामला दर्ज होने से पहले महिला का नाम तक नहीं सुना था। वो महिला को नहीं जानता है।

ये कहा पीड़िता के अधिवक्ता ने

पीड़िता के अधिवक्ता मोहम्मद रिजवान ने बताया कि जो 2013 में दंगे हुए थे, उसमें ग्राम लाख में एक पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ था। इस केस का ट्रायल पॉस्को कोर्ट 2 मुज़फ्फरनगर में पेंडिंग था और उसमें आज फैसला आया है। उनके मुताबिक जो विक्टिम थे, वो कई बार सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट के डाइरेक्शन मे ही ट्रायल हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डेय-टू-डेय का ट्रायल चले। उसके आधार पर ही पॉस्को कोर्ट नंबर 2 ने इसका ट्रायल किया और सजा सुनाई है।

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