होली के लिए जुमा की नमाज का समय बदलना, पेश करेगा सौहार्द की मिसाल
इस्लामिक सेंटर आॅफ इंडिया के चेयरमैन एवं ईदगाह लखनऊ के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली द्वारा होली त्योहार के मद्देनजर जुमा की नमाज का समय बदलने की देश के मुसलमानों से की गई अपील का देवबंदी उलेमा ने जोरदार समर्थन कि
सहारनपुर: इस्लामिक सेंटर आॅफ इंडिया के चेयरमैन एवं ईदगाह लखनऊ के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली द्वारा होली त्योहार के मद्देनजर जुमा की नमाज का समय बदलने की देश के मुसलमानों से की गई अपील का देवबंदी उलेमा ने जोरदार समर्थन किया है। उलेमा ने कहा कि हिंदू भाइयों के लिए मुसलमानों द्वारा जुमा की नमाज के समय में बदलाव करना दुनिया के सामने भाईचारे और सौहार्द की मिसाल पेश करेगा।
आगामी दो मार्च को देश भर में रंगों एवं उल्लास का पर्व होली धूमधाम से मनाया जाएगा।दो मार्च को शुक्रवार का दिन है और शुक्रवार को मुसलमानों की बहुत बड़ी संख्या में सामूहिक रूप से जुमा की नमाज अदा करते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने देश के मुसलमानों से उन मस्जिदों में जो मिली जुली आबादी के बीच हैं जुमा की नमाज के समय में बदलाव करने की अपील की है। ताकि हिंदू भाई अपना त्योहार खुशियों के साथ मना सकें और मुसलमानों को भी जुमा की नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में जाने में कोई दुश्वारी न हो। मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली की अपील का देवबंदी उलेमा ने जोरदार समर्थन किया है।
दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती आरिफ कासमी ने कहा कि विभिन्न फूलों से सजे इस गुलदस्ते यानी हिंदुस्तान की यही खासियत है कि यहां अनेकता में भी एकता है। उन्होंने कहा कि लोगों की आसानी को देखते हुए जुमा की नमाज के समय में परिवर्तन किया जा सकता है। कहा कि वर्तमान में देश के अंदर ऐसे ही भाईचारे की आवश्यकता भी है।
अलकुरआन फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब और हिंदू मुस्लिम भाईचारे की मिसाल एक बार फिर दुनिया के सामने पेश करने का यह बहतरीन मौका है। कहा कि मुसलमानों को अपने हिंदू भाईयों के त्योहार का ख्याल रखते हुए जुमा की नमाज में बदलाव कर लेना चाहिए। कहा कि इस्लाम हमें यही शिक्षा देता है कि अपने पड़ौसी का पूरी तरह ध्यान रखा जाए। अगर कोई काम इस्लाम के उसूलों से नहीं टकरा रहा है तो उसे करने में कोई हर्ज नहीं है।
तंजीम अब्ना ए दारुल उलूम के अध्यक्ष मुफ्ती यादे इलाही कासमी ने कहा कि हिंदुस्तान का इतिहास है कि यहां पर सभी धर्म के लोग एक दूसरे के त्यौहार मिल जुल कर मनाते हैं। कहा कि जुमा के दिन होली का त्यौहार होने के चलते इस उल्लास के रंग में भंग पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए मिली जुली आबादी क्षेत्र में नमाज का समय बढ़ा लेने से त्योहार का रंग बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदू भाइयों को भी चाहिए कि जब मुसलमान उनके जज्बातों को ध्यान में रखते हुए अपनी नमाज का समय बढ़ा रहे हैं तो वह भी दोपहर एक बजे तक रंगों का पर्व मुकम्मल कर लें ताकि इसके बाद मुसलमान भाइयों को नमाज पढ़ने जाने में कोई दुश्वारी न हो।