UP Politics: मोदी और योगी की जोड़ी ने मायावती व राजा भैया की दुश्मनी कराई ख़त्म, आये एक साथ!
UP Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जोड़ी ने ऐसी चाल चली कि सालों पुरानी बीएसपी सुप्रीमो मायावती और राजा भैया के बीच चली आ रही अदावत खत्म होने को है.;
Mayawati and Raja Bhaiya (image credit social media)
UP Politics: राजनीति में एक समय बाद दुश्मनी का अंत हो ही जाता है, ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश की सियासत में पहले और अब देखने को मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जोड़ी ने ऐसी चाल चली कि सालों पुरानी बीएसपी सुप्रीमो मायावती और राजा भैया के बीच चली आ रही अदावत खत्म होने को है. दरअसल एनडीए की तरफ से द्रोपदी मुर्मू राष्ट्रपति की उम्मीदवार बनाई गई हैं. 14 जुलाई को राष्ट्रपति के लिए मतदान होगा.
इसमें मायावती ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का ऐलान किया है, वहीं लखनऊ दौरे पर आईं द्रौपदी मुर्मू के लिए सीएम आवास पर रखी गई डिनर पार्टी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिवपाल सिंह यादव, ओमप्रकाश राजभर और राजा भैया को आमंत्रित किया था. यह तीनों नेताओं 5 कालिदास मार्ग पर डिनर के लिए पहुंचे थे और द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने की भी बात कही है.
सियासत में दिलचस्पी रखने वाला
हर शख्स जनता है की 2003 के बाद से राजा भैया और मायावती कभी एक साथ आये हैं, इन दोनों नेताओं के बीच की दुश्मनी जगजाहिर है, लेकिन इस राष्ट्रपति चुनाव में अब दोनों नेता एक ही प्रत्याशी को वोट करने जा रहे हैं. इससे पहले साल 2019 में अखिलेश यादव ने जब मायावती से हाथ मिलाया था उस दौरान हुए राज्यसभा चुनाव में राजा भैया अखिलेश यादव के साथ हुआ करते थे. मायावती के प्रत्याशी को जब वोट देने की बारी आई तो उन्होंने अपना पैर पीछे खींच लिया और बीजेपी प्रत्याशी को अपना वोट दे दिया था.
इसी वजह से राजा भैया और अखिलेश यादव के रिश्तो में दरार आ गई और दोनों नेताओं की राहें जुदा हो गई. अखिलेश यादव अब राजा भैया पर हमलावर रहते हैं इसके जवाब में राजा भैया भी पलटवार करते दिखाई देते हैं. मोदी-योगी की जोड़ी ने समाजवादी पार्टी में भी बड़ी सेंधमारी की है. शिवपाल यादव जहाँ सपा से विधायक हैं वहीं ओम प्रकाश राजभर जो उनके गठबंधन में शामिल थे, 6 विधायक उनके हैं उनका भी वोट अपने पाले में कर लिया है.
द्रोपदी मुर्मू की पार्टी में यह दोनों नेता भी शामिल हुए थे और उन्हें अपना वोट देने की बात कही है. जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं. इस तरह से सियासत में कब कहां कौन सी बाजी पलट जाए यह कोई नहीं जानता. मायावती, राजा भैया जिस तरह से एक दूसरे को नहीं सुहाते थे उनको देखना भी नहीं पसंद करते थे, अब एक प्रत्याशी को अपना वोट देने जा रहे हैं. यह एक बड़े सियासी परिवर्तन की ओर इशारा भी है.