नेशनल प्लेयरः मजबूरी में कर रही ऐसा काम, रो देंगे आप
कोरोना काल हिंदुस्तान पर आफत बनकर टूट रहा है। अभी तक हमने प्रवासी मजदूरों की पीड़ा देखी। भूख प्यास से लोगों की लंबी लाइनें देखी।;
वाराणसी: कोरोना काल हिंदुस्तान पर आफत बनकर टूट रहा है। अभी तक हमने प्रवासी मजदूरों की पीड़ा देखी। भूख प्यास से लोगों की लंबी लाइनें देखी। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो चहारदीवारी के पीछे घुटने को मजबूर हैं। इन्हीं में से एक है बनारस की नेशनल कबड्डी प्लेयर सोनम कन्नौजिया। लॉकडाउन की सख्ती ने सोनम और उसके परिवार को भूखमरी के कगार पर पहुंचा दिया है।
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लॉन्ड्री का काम करने पर मजबूर सोनम
दरो दीवार पर टंगे मेडल और सर्टिफिकेट सोनम कन्नौजिया की कामयाबी की कहानी बयां करने के लिए काफी है। सोनम कबड्डी की नेशनल प्लेयर हैं। लेकिन लॉकडाउन की बंदिशों ने उन्हें दाने-दाने के लिए मोहताज बना दिया है। परिवार का पेट भरने के लिए सोनम अब लॉन्ड्री का काम करने के लिए मजबूर हैं। सोनम कहती हैं कि अब इसके सिवाय कोई चारा नहीं बचा है। उन्हें लगता है कि कहीं उनका करियर लॉकडाउन की भेंट ना चढ़ जाए। सोनम के मुताबिक फिटनेस कायम रखने के लिए प्रैक्टिस के साथ अच्छी डाइट की जरूरत होती है। लेकिन लॉकडाउन की वजह से ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा है।
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छोटी उम्र में हासिल किया बड़ा मुकाम
सोनाली कबड्डी की राष्ट्रीय खिलाड़ी है और वाराणसी के बच्छाव स्थित महामना मालवीय इंटर कॉलेज में कक्षा 9 की छात्रा है। छोटी सी उम्र में इस बच्ची ने बड़ी मुकाम हासिल की है। सोनाली यूं तो कई राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में अपना लोहा मनवा चुकी है लेकिन जनवरी 2020 में सोनाली ने छत्तीसगढ़ में आयोजित 65 वीं राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत वाराणसी का नाम रौशन किया था।
कोरोना काल में सोनाली जैसे ना जाने कितने खिलाड़ी मजबूर हैं। ऐसा लग रहा है कि लॉकडाउन की बंदिशों अब खिलाड़ियों के बुलंद हौसलों पर भारी पड़ने लगी हैं।
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