स्टेशन पर भूख से मरने वाली महिला को इंसाफ दिलायेगा राष्ट्रीय लोकदल, दर्ज की शिकायत
राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ महासचिव एवं प्रदेश के पूर्व सिंचाई मंत्री डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन परिसर में एक गरीब महिला की मौत को बेहद दुखद बताते हुए कहा है कि कोरोना काल में गरीब कैसे-कैसे सितम सह रहे हैं, इस घटना से भली-भांति समझा जा सकता है।
मेरठ: राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ महासचिव एवं प्रदेश के पूर्व सिंचाई मंत्री डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन परिसर में एक गरीब महिला की मौत को बेहद दुखद बताते हुए कहा है कि कोरोना काल में गरीब कैसे-कैसे सितम सह रहे हैं, इस घटना से भली-भांति समझा जा सकता है।
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रालोद नेता के अनुसार कोरोना काल में देश के सामने विपदा की एक से बढ़कर एक हृदय विदारक तस्वीर सामने आ चुकी है। इस बार बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की पूरी कहानी बयां कर रही है। वायरल सीसीटीवी फुटेज वीडियो जिसे देखकर इंसानियत शर्मसार हो रही है जिसमें अपने बच्चों के साथ एक बेसहारा गरीब महिला जो भूख व प्यास के साथ तेज गर्मी के कारण दम तोड़ देती है।
वीडियो में दिख रहा है कि एक महिला लेटी है, उसका एक-डेढ़ साल का बेटा मां की चादर को खींच रहा है, मानो वह उसे जगाने की कोशिश कर रहा है। इस बच्चे को नहीं मालूम कि उसकी मां अब हमेशा के लिये सो गई है। मैरीजुद्दीन के अनुसार मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय लोकदल के लीगल कन्वीनर व दिल्ली हाईकोर्ट के एडवोकेट बदर महमूद ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन की शिकायत करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही व महिला के बच्चों को मुआवजा देने की मांग की है।
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उन्होंने कहा कि वीडियो विचलित करने वाली है और इंसानित को पूरी तरह से शर्मसार करने वाला है। उन्होंने कहा कि देश में लॉक डाउन की मार गरीबों पर पड़ रही है और इस वीडियो ने सरकार व प्रशासन की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि वीडियो में आस पास की आवाज आ रही है लेकिन स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों ने महिला की तरफ ध्यान नही दिया जिसके कारण महिला तेज गर्मी व भूख प्यास से दम तोड़ देती है। उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जल्द इस मामले में कार्यवाही की मांग की है।
रिपोर्ट: सुशील कुमार
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