बड़ी खबर: किसान आंदोलन और नंबर- 9, टिकैट ने समझाया महत्व
महापंचायत में भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों को नौ अंक की महत्वता को बताया। उन्होंने आज के दिन को एतिहासिक बताया। पंचायत के मंच से सरकार के लिए गणित पाठशाला लगाई।
नोएडा: महापंचायत में भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों को नौ अंक की महत्वता को बताया। उन्होंने आज के दिन को एतिहासिक बताया। पंचायत के मंच से सरकार के लिए गणित पाठशाला लगाई। धरने के 54 दिन पूरे हो गए। जिसका जोड़ नौ होता है, हमारे समाज में देवियां भी नौ है। आज दिनांक 18 जनवरी जिसका जोड़ भी नौ और गुरू का अंक भी नौ। यह सारा तालमेल बिल्कुल ठीक बैठ रहा। जाहिर है यह फैसला अब पलट कर ही रहेगा। यह आंदोलन न तो झंडे का रहा और न ही बैनर का। इसकी बागडोर पूर्ण रूप से किसान के हाथ में है। यहा से 45 लोग और उधर से भी 45 लोग आते हैं, लेकिन अंदर का प्रिंसिपल है किसान ही है।
करीब 52 घंटे वार्ता चली
वह कहते है संसोधन पर बिंदू वार चर्चा की। करीब 52 घंटे वार्ता चली। कानून खत्म करो स्वामी नाथन आयोग को लागू करो। एमएसपी पर कानून बनाओ। यह कुछ भी नहीं बिजली का एक नया कानून बनाया जा रहा है। जिसमे स्पष्ट है कि जिसके पास दो पशु होंगे उसे कमर्शियल कनेक्शन लेना होगा। देश में गोदाम पहले बन गए कानून बाद में लाया गया। वालमार्ट जैसी कंपनियां आ रही है आने वाले समय में साप्ताहिक बाजार भी बंद होंगे। यह तो ऐसा हो गया कि तिजोरी में सोना नहीं अन्न रखा जाएगा।
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वार्ता को लाइव क्यो नहीं किया जाता। आंदोलन लंबा चलेगा। यह बिना मुकदमे की तारीख है। एक ओर फार्मूले बात की गई। जिसमे कहा कि 1968 में गेंहूं 76 रुपए क्वींटल था। और सोना 200 रुपए तोला। तीन क्वींटल गेंहू बेचते थे और एक तोला सोना खरीदते थे। आज के भाव में 50 हजार रुपए यदि इसे ऐसे लागू कर दिया जाए। लेकिन वह फिर भी नहीं माने। 10 साल पुराना ट्रेैक्टर नहीं चल सकता। पंपिंग सेट दस साल से ज्यादा नहीं चल सकता। यह कानून है। यह लड़ाई भाव बढ़ाने की नहीं बल्कि जमीन बचाने की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय तक व्यापारी की पहुंच
राकेश टिकैत ने स्पष्ट कहा कि देश के प्रधनामंत्री कार्यालय तक व्यापारी तक पहुंच है। गलत दस्तावेज क्यो प्रस्तुत किए जा रहे। किसानों से कहा गया कि स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कर दी गई। कहा लागू की गई। गन्ने का भुगतान 14 दिन में होगा नहीं तो हम ब्याज देंगे। न तो अब तक भुगतान हुआ और न ही ब्याज मिला। एक भी कड़ी कमजोर नहीं पड़ेगी। किसी को नोटिस भिजवा दो किसी के ट्रक बंद कर दो। किसी की जमीन की नपाई हो जाए लेकिन आंदोलन चलेगा। इसका परिणााम क्या होगा नहीं पता। लेकिन जब तक बिल वापसी नहीं तब तक आंदोलन चलेगा।
रिपोर्ट: दीपांकर जैन
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