खेल में करियर: पीवी सिंधु की सलाह, लड़कियों के लिए बेहतर मौका
फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर ने आज पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित पी.वी. सिंधु के साथ अपने सदस्यों की आभासी बातचीत का आयोजन करके राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर ने आज पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित पी.वी. सिंधु के साथ अपने सदस्यों की आभासी बातचीत का आयोजन करके राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया।
सफलतीय भार बैडमिंटन स्टार
पुसरला वेंकट सिंधु यकीनन 21 वीं सदी की सबसे सफलतीय भार बैडमिंटन स्टार हैं। 2009 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण करने के बाद 2 अप्रैल 2017 में वह करियर की उच्च रैंकिंग में पहुंच गई। अपने करियर के दौरान, पुसरला ने ओलंपिक सहित कई टूर्नामेंट और 2019 विश्व चैंपियनशिप में एक स्वर्ण सहित बीडब्ल्यूएफ सर्किट पर पदक जीते हैं। पी.वी. सिंधु बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय और ओलंपिक रजत पदक अर्जित करने वाली पहली भारतीय महिला हैं ।
भारत में खेलों के लिए आदर्श
इसके अलावा, सिंधु ने फोर्ब्स की 2018 और 2019 में हाई-पेड महिला एथलीटों की सूची में भी अपनी जगह बनाई है। वह अन्य सम्मानों में खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न, पद्म श्री और पद्म भूषण पाने वाली खिलाड़ी हैं। साथी बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और मुक्केबाज मैरी कॉम के साथ, वह भारत में खेलों के लिए आदर्श बनी हुई है। वर्तमान में, दुनिया में सातवें स्थान पर है, शटलर पीवी सिंधु, बैडमिंटन में भारत की सबसे बड़ी उम्मीदों में से एक बनी हुई है, क्योंकि टोक्यो ओलंपिक के लिए देश तैयार है।
साक्षात्कार के दौरान, सिंधु ने अपनी सफल खेल यात्रा के बारे में कई यादों को साझा किया, जिसमें एक बात यह थी कि शटलर गोपीचंद को एक्शन में देखने के बाद वह बैडमिंटन से कैसे प्रभावित हुईं, बावजूद इसके कि उनके दोनों माता-पिता वॉलीबॉल खिलाड़ी थे।
लड़कियों को खेलों में कैरियर तलाश करना चाहिए
उसने कहा कि उसकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि, रियो ओलंपिक 2016 में रजत पदक बनी हुई है। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अधिक से अधिक बच्चों को विशेषकर लड़कियों को खेलों में अपने कैरियर को तलाश करना चाहिए।
भारत की बैडमिंटन स्टार ने कहा, ''भारत में लोग कहते हैं कि 'हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए', लेकिन वे इस बात पर बहुत ही निम्न स्तर पर अमल करते है। महिलाओं को खुद से ही ताकतवर बनना चाहिए और खुद पर भरोसा रखना चाहिए. उन्हें बाहर निकलना चाहिए और उनके साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, जिन्हें वह सहन कर रही हैं।
खुद पर गर्व करना चाहिए
महिलाओं को हौंसला बढ़ाते हुए पीवी सिंधु ने कहा कि अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने में कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए. असल में हमें खुद पर गर्व करना चाहिए कि हम ताकतवर हैं और आगे बढ़ रहे है। पीवी सिंधु ने कहा कि महिलाओं को खुद से ही ताकतवर बनना चाहिए और खुद पर भरोसा रखना चाहिए।
ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला, पीवी सिंधु ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर विचार रखे हैं। सिंधु ने कहा कि उन्होंने अपने विदेश दौरों पर देखा कि वहां महिलाओं का काफी सम्मान होता है। इसके बाद सिंधु ने भारत में महिलाओं की स्थिति को लेकर काफी चिंता व्यक्त की।
फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर की चेयरपर्सन पूजा गर्ग ने कहा पद्मा श्री पीवी सिंधु का संघर्ष मेहनत और बैडमिंटन के प्रति निष्ठा ने उन्हें आज इस मुकाम पर पहुंचाया है। जो कि हम सभी के लिए गर्व की बात है आप हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है और साथ ही यह दर्शाता है कि संघर्ष ही सफलता की कुंजी है हमारे साथ आज इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सैकड़ों स्कूली बच्चे है और हमें पूरी उम्मीद है कि हम कुछ लोगों को, विशेषकर लड़कियों को और अधिक गंभीरता से खेलों के प्रति अपना नजरिया बदलना चाहिए।
उसमें ज्यादा से ज्यादा भाग लेना चाहिए फिक्की फ्लो महिलाओं और लड़कियों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्यरत है हम प्रयास करेंगे कि प्रतिभाशाली लड़कियों को खेलों में आने के लिए प्रोत्साहित करें और उनकी हर संभव मदद करें। इस आयोजन की अध्यक्षता स्निग्धा अग्रवाल ने की कथा इस कार्यक्रम में देश भर के सभी 17 चेप्टरों के फिक्की फ्लो सदस्यों ने भाग लिया ।