रामपुर: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने रामपुर की डूंगरपुर बस्ती को उजाड़े जाने के मामले में यूपी के चीफ सेक्रेटरी (सीएस) से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मांगे जाने के बाद बस्ती के लोगों में इंसाफ की आस बंधी है।
-एनसीएम ने सीएस से 21 दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
-तीन फरवरी की रात करीब 30 मकानों को जिला प्रशासन और पुलिस गिरा दिया था।
-इसकी शिकायत कांग्रेसी नेता फैसल लाला ने की थी।
क्या है मामला?
-रामपुर शहर के बीचों-बीच रहने वाले 50 परिवारों ने अपना घर बचाने राज्यपाल से गुहार लगाई है।
-इन लोगों का आरोप कि सपा सरकार के मंत्री आजम खान स्कूल बनवाने के लिए उनका घर उजड़ना चाहते हैं।
-प्रशासन की ओर से हर महीने किसी एक बस्ती को उजाड़ने का फरमान जारी किया जाता है।
-इस सूची में वाल्मीकि बस्ती, बुलंद बंगलो, रामनाथ कॉलोनी, सीमेंट फैक्ट्री कॉलोनी, डूंगरपुर कॉलोनी के नाम हैं।
-सपा सरकार आने के फौरन बाद सिविल लाइंस के पॉश इलाके से 22 दुकानें ध्वस्त की गई थी।
-उसके बाद से घर और संस्थानों को उजाड़ने का सिलसिला जारी है।
ताजा मामला सराये गेट का
-मकान गिराए जाने का ताजा मामला सराये गेट के नाम से मशहूर यतीम खाने का है।
-यतीम खाने में करीब पचास परिवार रहते हैं। यहां रह रहे परिवारों का कहना है कि वक्फ महकमे के अफसर और आजम खां के चहेते आरपी सिंह पुलिस के साथ आए थे और घर खाली करने का फरमान सुना दिया। आए दिन इन लोगों को धमकाया जाता है।
आरोप-आजम खान के इशारे पर दिया जा रहा अल्टीमेटम
-गरीबी में जिंदगी जी रहे इन लोगों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना प्रशासन उन्हें उजाड़ रहा है।
-बाशिंदों को जगह खाली करने का मौखिक अल्टीमेटम भी दे दिया गया है।
-आरोप है कि आजम खां इस जमीन पर एक निजी स्कूल बनाना चाहते हैं।
-इसके लिए जमीन और घरों को खाली कराया जा रहा है।
कैसे बसा यतीम खाना?
-रिसायतकालीन दौर में नवाबों ने शरणार्थियों को यतीम खाना वक्फ किया था।
-इसके बाद से ये लोग यहां के बाशिंदों के रूप में रह रहे हैं।
-यहां इनकी कई पीढ़ियां बीत चुकी हैं।