Ghaziabad Crime News: 10 साल बाद पुलिस की गिरफ्त में आया नाबालिग से गैंगरेप का आरोपी
अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो उससे वह गलती हो ही जाती है, जिसपर पुलिस की निगाह होती है।
Ghaziabad Crime News: अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो उससे वह गलती हो ही जाती है, जिसपर पुलिस की निगाह होती है। अपराधी पुलिस का छका सकता है, लेकिन उसकी पकड़ से बच नहीं सकता। गाजियाबाद पुलिस 10 साल से जिस दुष्कर्म के आरोपी की तलाश कर रही थी, वह तलाश बिहार के पूर्णिया में जाकर खत्म हो गई। 10 साल पहले नाबालिग से गैंगरेप में शामिल आरोपी फरार हो गया था। पुलिस से बचने के लिए वह अलग-अलग राज्यों में छिप रहा था। आरोपी काफी शातिर तरीके से पुलिस से बचने की कोशिश की लेकिन एक गलती की वजह से वह सलाखों के पीछे पहुंच गया। मोबाइल की वजह से पुलिस को उसे गिरफ्तार करने में सफलता मिली।
बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक छिपा आरोपी मुर्शीद
मामला 10 साल पहले का है। मसूरी थाना क्षेत्र में पुलिस को गैंगरेप की खबर मिली थी। मामले में मौके पर पहुंची पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि दूसरा आरोपी मुर्शिद फरार हो गया था। इसके बाद पुलिस लगातार मुर्शिद की तलाश कर रही थी। आरोपी पर 25000 रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया गया था। मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई थी। लेकिन मुर्शिद पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। बताया जा रहा है कि मुर्शीद ने इस दौरान छिपने के लिए कई राज्यों का सहारा लिया। पहले वह तेलंगाना गया। हैदराबाद में छिपने के बाद वह महाराष्ट्र गया और यहां से वह बिहार के पूर्णिया चला गया। वहां पर वह छोटे-मोटे काम करने लगा। इस बीच उसने रंगदारी मांगने का भी काम किया, जिसमें वह साल 2014 में जेल चला गया। लेकिन गाजियाबाद पुलिस को इस बात की भनक नहीं लगी।
सिम कार्ड से पकड़ा गया आरोपी
बताया जा रहा है कि 10 साल तक पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के बाद आरोपी ने एक गलती कर दी। उसने बिहार के पूर्णिया में फर्जी दस्तावेज लगाकर एक सिम कार्ड खरीदा, जिससे गाजियाबाद की साइबर सेल को कुछ शक हुआ।इसके बाद पुलिस एक अन्य लीड पर काम करती हुई बिहार के पूर्णिया पहुंची, और फिर आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई।