Noida News: सुपरटेक बिल्डर के कब्जे से छुड़ाई 90 प्रतिशत ग्रीन बेल्ट की जमीन
नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक पर कार्रवाई करते हुए ग्रीन बेल्ट का 90 प्रतिशत हिस्सा अपने कब्जे में लिया
Noida News: सुपरटेक बिल्डर के कब्जे में करीब सात हजार वर्ग मीटर ग्रीन बेल्ट की जमीन का नोएडा प्राधिकरण (Noida Pradhikaran) ने बुधवार को करीब 90 प्रतिशत हिस्सा अपने कब्जे में ले लिया। हालांकि यहां लगे डीजी जनरेटर सेट को हटाने में अभी कुछ दिन लगेंगे। इस जमीन की फेंसिग कराने का काम शुरू कर दिया गया है। यह काम गुरुवार तक पूरा कर लिया जाएगा। आने वाले दिनों में इसकी स्थाई रूप से चारदीवारी की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा ट्विन टावरों के बेसमेंट में स्थित दीवार को गिराने का काम बुधवार को भी जारी रहा। इसको मशीन के बजाए मैन्युल तरीके से गिराया जा रहा है। ग्रीन बेल्ट (green belt) की यह जमीन बिल्डर के कब्जे में है, इसका पता एसआईटी (SIT) की जांच और ड्रोन से हुए सर्वे में सामने आया था।
कार्ययोजना में एओए और बिल्डर को भी किया जाएगा शामिल
वहीं दूसरी ओर अभी तक टावर गिराने से संबंधित योजना तैयार करने के लिए नोएडा प्राधिकरण व सीबीआरआई के बीच ही बैठक चल रही थी। लेकिन अब इसमें एओए व बिल्डर को भी शामिल किया जाएगा। सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट की एओए ने संबंधित टावरों को गिराते समय आसपास के टावरों में नुकसान होने और सुरक्षा को लेकर चिता जताई है। उन्होंने कहा कि 32 मंजिल के इन टावरों के गिरते समय कंपन होगा और मलबा तेजी से बिखरेगा। इससे आसपास के रिहायशी टावरों को खतरा हो सकता है। खास तौर पर टावर-1 की दूरी निर्माणधीन टावर नंबर-17 से महज 9 मीटर दूरी पर है। ऐसी में कोई सुरक्षित विकल्प ही टावरों को तोड़ने के लिए चुना जाए।
पंजीकरण निरस्त करने के लिए प्राधिकरण ने लिखा पत्र
सुपरटेक एमरॉल्ड का मानचित्र तैयार करने वाली दीपक मेहता एसोसिएट्स और मोदार्च आर्किटेक्ट की संलिप्पता भी इस मामले में उजागर हुई है। एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में इनके खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसी के आधार पर नोएडा प्राधिकरण ने बुधवार को काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर को पत्र लिख पंजीकरण निरस्त करने के लिए कहा है।