Noida : CBG के जरिए गीले कूड़े को बायोफ्यूल में किया जाएगा तब्दील, ईधन के रूप में करेगी काम

Noida : शहर में गीले कूड़े का निस्तारण की क्षमता 17 टन प्रतिदिन दिन है जो कि 13 विकेंद्रित बायो मैथनाइजेशन कंपोस्टिंग प्लांट से हो रहा है।

Report :  Deepankar Jain
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-10-17 13:30 GMT

बायोफ्यूल (फोटो- सोशल मीडिया) 

Noida : गीले कूड़े का निस्तारण कर उससे निकलने वाली मिथेन गैस को बायोफ्यूल के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा। यह कार्य कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट के जरिए किया जाएगा। दो प्लांट शहर में लगाए जाएंगे। नोएडा प्राधिकरण को इन दोनों प्लांट लगाने के लिए कोई खर्च नहीं करना होगा। यह योजना सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टूवर्ड अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन प्रोग्राम यानी सतत के चलाया जा रहा है। परियोजना पूर्ण रूप से मंत्रालय द्बारा स्थापित व संचालित की जाएगी। आगामी एक माह के अंदर जमीन चिन्हित की जाएगी।

इससे गीले कूड़े के निस्तारण की क्षमता बढ़ेगी साथ ही निस्तारण के दौरान सीओटू, एनओएक्स व मीथेन जैसी गैसों को हरित ईधन में तब्दील किया जा सकेगा। नोएडा का 15 से 17 प्रतिशत भाग हरित है। 2011 जनगणना के अनुसार इसकी संख्या 9.14 लाख है।

1000 मैट्रिक टन कूड़ा उत्सर्जित

आकड़ों के मुताबिक नोएडा के आवासीय क्षेत्र से प्रतिदिन करीब 650 से 700 मैट्रिक टन कूड़ा निकलता है। जिसका करीब 55 प्रतिशत गीला कूड़ा होता है। वहीं, औद्योगिक व वाणिज्यिक से निकलने वाला कूड़ा करीब 250 से 300 मैट्रिक टन है। यानी प्रतिदिन करीब 1000 मैट्रिक टन यहा कूड़ा उत्सर्जित होता है।

जहरीली गैसों को उर्जा में किया जाएगा तब्दील

शहर में गीले कूड़े का निस्तारण की क्षमता 17 टन प्रतिदिन दिन है जो कि 13 विकेंद्रित बायो मैथनाइजेशन कंपोस्टिंग प्लांट से हो रहा है। जबकि नोएडा में प्रतिदिन 300 से 400 टन गीला कूड़ा निकल रहा है। यदि इसका सही से निस्तारण न किया जाए तो काफी खतरनाक हो सकता है।

इससे निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड, एनओएक्स और मिथेन जैसी गैस ग्लोबल वार्मिग का कारण है। ऐसे में इन गैसों का प्रयोग ऊर्जा के रूप में किया जा सकता है। सीबीजी प्लांट के जरिए इन गैसों को बायोफ्यूल के रूप में प्रयोग में लाया जाएगा। जाकि अन्य गैसों से काफी सस्ता होगा और प्रदूषण मुक्त होगा

देशभर में लगाए जाएंगे 5000 कम्प्रेड बायो गैस प्लांट

देश भर में गीले कूड़े के निस्तारण के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय 5००० कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाने जा रहा है। यानी भविष्य में प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट किए बगैर हरित फ्यूल का प्रयोग किया जा सकेगा।

15 सालों की अवधि के लिए भेजा प्रस्ताव

पेट्रोलियम और प्राकृतिक मंत्रालय को भारत सरकार के वित्त पोषण से 15 सालों के लिए 200 मेट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के दो कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा है। नोएडा में यह प्लांट दोस्तपुर मंगरौली के पास यमुना नदी के डूब क्षेत्र व अन्य स्थान पर लगाया जा सकता है। इस प्लांट के जरिए जैव खाद का उत्पादन भी किया जाएगा।

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