Noida News: चाइल्ड पीजीआई के निर्माण में बड़ी अनिमितता की आशंका, तकनीकी कंपनी करेगी ऑडिट

प्राधिकरण जांच एजेंसी ने भी निर्माण को हरी झंडी दी। अस्पताल का संचालन शुरू किया गया। 300 बेड के अस्पताल के निर्माण में 650 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

Report :  Deepankar Jain
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-09-13 21:17 IST

नोएडा चाइल्ड पीजीआई की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Noida News: सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई के निर्माण में बड़ी अनिमितयता की आशंका है। महज आठ साल में ही इमारत में कंस्ट्र्चरल समस्या आने लगी है। 2015 से लगातार इसके बेसमेंट में पानी भरने की शिकायत मिल रही है। प्राधिकरण निर्माण कंपनी (यूपी राज्य निर्माण निगम) को करीब 18 बार पत्र लिखकर समस्या से अवगत करा चुका है। इस मामले में कंपनी की ओर से कोई जवाब प्राधिकरण को नहीं दिया गया।

प्राथमिक जांच में बेसमेंट के निर्माण में तकनीकी खामी की बात सामने आई है। सचिव (शिक्षा चिकित्सा) ने सीबीआरआई जैसी कंपनी से इसका तकनीकी ऑडिट कराने के लिए कहा है। बता दें उत्तर भारत में बच्चों के इलाज के लिए सेक्टर-30 में चाइल्ड पीजीआई का निर्माण की शुरुआत 2008 में की गई। 2014-15 में निर्माण पूरा किया गया।

प्राधिकरण जांच एजेंसी ने भी निर्माण को हरी झंडी दी। अस्पताल का संचालन शुरू किया गया। 300 बेड के अस्पताल के निर्माण में 650 करोड़ रुपए खर्च किए गए। साजो सामान व सुविधाओं का मिलाकर कुल खर्च करीब 1200 करोड़ रुपए किए गए। इतना खर्च होने के बाद भी 2015 से ही इसके बेसमेंट में पानी भरने की शिकायत मिलने लगी।

प्राधिकरण द्बारा प्रत्येक साल पानी की निकासी पर लाखों रुपए खर्च किए गए। बेसमेंट में पानी न भरे इसमे सुधार के लिए प्राधिकरण ने निर्माण कंपनी को करीब 18 बार पत्र लिखे गए। कंपनी के जवाब नहीं देने के बाद भी न तो प्राधिकरण की ओर से और न ही शासन की ओर से कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

नोएडा के चाइल्ड पीजीआई की तस्वीर


बेसमेंट के ज्वाइंट में है लीकेज

प्राधिकरण अधिकारियों की एक टीम ने हाल ही में अस्पताल के बेसमेंट की जांच की। यहा तकनीकी टीम को ज्वाइंट में लीकेज मिले। जिससे बेसमेंट में लगातार पानी आ रहा है। इससे बेसमेंट में सीलन भी आ चुकी है। जाहिर है कि इसका असर अस्पताल की नींव पर भी पड़ सकता है।

सीबीआरआई कर सकती है तकनीकी जांच

अस्पताल प्रबंधन की शिकायत पर हाल ही में सचिव (शिक्षा चिकित्सा) ने प्राधिकरण अधिकारियों से साथ बैठक की। जिसमें अस्पताल के बेसमेंट की तकनीकी जांच सीबीआरआई से कराने को कहा गया। रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए भी कहा गया है।

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