Noida News: प्राधिकरण ने 30 अधिकारियों के खिलाफ सीजीएम कोर्ट में दायर किया परिवाद, SIT ने जांच में पाया था दोषी

Noida news hindi today: सुपरटेक एमराल्ड मामले में प्रधिकारण ने जांच के आधार पर आधिकारियों पर शुरू की कार्रवाई

Report :  Deepankar Jain
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-10-26 14:29 GMT

सुपरटेक एमराल्ड टॉवर की फाइल तस्वीर (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Noida news hindi today: सुपरटेक एमराल्ड मामले (supertech emerald case) में एसआईटी (SIT) की जांच में दोषी अधिकारियों के खिलाफ प्राधिकरण ने अपने स्तर पर भी कार्यवाही शुरू कर दी है। प्राधिकरण ने सभी 30 अधिकारियों के खिलाफ जिला न्यायालय (CGM) कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है। यह परिवाद शुक्रवार को प्राधिकरण (pradhikaran) के विधि विभाग की ओर से दाखिल किया गया है। परिवाद चार वायलेशन को आधार बनाकर दाखिल किया गया है। यदि मामले के सुनवाई होती है तो सभी 30 अधिकारियों को न्यायालय की तरफ से नोटिस जारी कर आगे की कार्यवाही की जा सकेगी।

एसआईटी की जांच में दोषी अधिकारियों की सूची में तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहिदर सिह, एसके द्बिवेदी, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी आरपी अरोड़ा का नाम भी शामिल है। सूत्रों ने बताया कि इन अधिकारियों ने तीनों ही रिवाइज प्लान पर एप्रूवल दिया था। जबकि जांच में दूसरे व तीसरे रिवाइज प्लान को ए्रपूव कराने में नियोजन विभाग की ओर से अनियमितता बरती गई थी। जाहिर है फाइलों पर वार्ता लिखकर इनकी अपने स्तर पर जांच कराई जा सकती थी । लेकिन ऐसा किया नहीं गया।

इस सूची में तत्कालीन विधि सलाहकार राजेश कुमार व विधि अधिकारी ज्ञान चंद को अनियमितता में शामिल किया गया। सूची में एक बड़ा नाम तत्कालीन वित्त नियंत्रक एसी सिह का नाम भी है । इन्होंने ने परचेबल एफएआर देने में नियमों की अनदेखी की। इसके अलावा तत्कालीन परियोजना अभियंता एमसी त्यागी और मुख्य परियोजना अभियंता के के पांडे का नाम समेत 30 लोगों के खिलाफ परिवाद दाखिल किया गया है। इसमे नियमों को ताक पर रख कर किस तरह से अनियमितता बरती गई उसका पूरा जिक्र किया गया है।

इन तथ्यों को आधार बनाकर परिवाद किया गया दाखिल

- भवन नियमावली 2006 के नियमों का उल्लंघन।

-भवन नियमावली 2010 के नियमों का उल्लंघन।

-अर्बन प्लानिंग एक्ट का उल्लंघन।

-आईपीसी की धाराओं का उल्लंघन।

मेरठ ट्रांसफर हो सकती है विजिलेंस जांच

नोएडा प्राधिकरण के नियोजन विभाग की ओर से लखनऊ में विजिलेंस में 30 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई भी। इस सिलसिले में जल्द ही अधिकारियों से पूछताछ शुरू हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि जांच मेरठ ट्रांसफर की जा सकती है।

इन सबकी निकली मिलीभगत

सेवारत अधिकारी

- मुकेश गोयल- तत्कालीन नियोजन सहायक

- ऋतुराज व्यास- तत्कालीन सहयुक्त नगर नियोजक

- अनीता- तत्कालीन प्लानिंग असिस्टेंट

- विमला सिंह- सहयुक्त नगर नियोजक

सेवानिवृत्त अधिकारी

- मोहिंदर सिंह- तत्कालीन सीईओ नोएडा

- एसके द्विवेदी- तत्कालीन सीईओ नोएडा

- आरपी अरोड़ा- तत्कालीन अपर सीईओ नोएडा

- यशपाल सिंह- तत्कालीन विशेष कार्याधिकारी

- एके मिश्रा- तत्कालीन नगर नियोजक

- राजपाल कौशिक- तत्कालीन वरिष्ठ नगर नियोजक

- त्रिभुवन सिंह- तत्कालीन मुख्य वास्तुविद नियोजक

- शैलेंद्र कैरे- तत्कालीन उप महाप्रबंधक (ग्रुप हाउसिंग)

- बाबूराम- तत्कालीन परियोजना अभियंता

- टीएन पटेल- तत्कालीन प्लानिंग असिस्टेंट

- वीए देवपुजारी- तत्कालीन मुख्य वास्तुविद नियोजक

- एनके कपूर- तत्कालीन एसोसिएट आर्किटेक्ट

- प्रवीण श्रीवास्तव- तत्कालीन सहायक वास्तुविद

- ज्ञान चंद- तत्कालीन विधि अधिकारी

- राजेश कुमार- तत्कालीन विधि सलाहकार

- विपिन गौड़- तत्कालीन महाप्रबंधक

- एमसी त्यागी- तत्कालीन परियोजना अभियंता

- केके पांडेय- तत्कालीन मुख्य परियोजना अभियंता

- पीएन बाथम- तत्कालीन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी

- एसी सिंह- तत्कालीन वित्त नियंत्रक

सुपरटेक के निदेशक

- आरके अरोड़ा

- संगीता अरोड़ा

- अनिल शर्मा

- विकास कंसल

आर्किटेक्ट और उनकी फर्म

- दीपक मेहता- दीपक मेहता एंड एसोसिएट्स

- नवदीप- मोदार्क आर्किटेक्ट

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