Noida News: एफआईआर के बाद विजिलेंस ने प्राधिकरण में शुरू की जांच, कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

सुपरटेक एमराल्ड में एसआईटी की जांच में दोषी 30 अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस टीम ने जांच शुरू कर दी है। प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने 30 लोगों के खिलाफ लखनऊ विजिलेंस में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमे 26 अधिकारी व कर्मचारी प्राधिकरण के है।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-11-30 17:25 GMT

सुपरटेक एमराल्ड मामला। (social media)

Noida: सुपरटेक एमराल्ड में एसआईटी की जांच में दोषी 30 अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस टीम (Vigilance Team) ने जांच शुरू कर दी है। प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने 30 लोगों के खिलाफ लखनऊ विजिलेंस (Lucknow Vigilance) में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमे 26 अधिकारी व कर्मचारी प्राधिकरण के है। नियोजन विभाग के तीन अधिकारियों को शासन के निर्देशानुसार निलंबित किया जा चुका है।

विजिलेंस टीम ने प्राधिकरण में दस्तक दी है। टीम ने प्राधिकरण से 2००9 से 2०12 की सभी फाइलों को मंगवाया है। इसमे सर्किल और ग्रुप हाउसिंग, उद्यान विभाग की फाइल है। उस समय प्राधिकरण में सर्किल न होकर सीसीडी हुआ करता था। इस क्रम में विजिलेंस ने सीसीडी-2 और सीसीडी-5 की फाइलें मांगी है। जिनकी जांच की जाएगी। जाहिर है जांच में कई और अधिकारियों व कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। उधर, दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच भी की जा सकती है।

लखनऊ पहुंचे प्राधिकरण के अधिकारी

विजिलेंस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए प्राधिकरण वर्तमान अधिकारियों को फाइलों के साथ लखनऊ बुलाया है। यहा एसआईटी की रिपोर्ट (SIT Report) के अनुसार फाइलों का सत्यापन कराया जाएगा और जांच आगे बढ़ेगी। उस दौरान कई ऐसी योजनाएं बनी जिनके निर्माण में बड़ा घोटाला किया गया। यह भी अवगत करा दे सीएजी की जांच में भी करीब 3० हजार करोड़ रुपए के घोटालों की बात सामने आई थी। जिसकी जांच की जा रही है।

विजिलेंस विभाग ने मांगे अधिकारियों के नाम

सुपरटेक एमराल्ड (Supertech Emerald) के अलावा 2009 से 2012 तक सीसीडी-2 और सीसीडी-5 में तैनात सभी अधिकारियों की सूची भी विजिलेंस ने मांगी है। सूची में प्राधिकरण को नाम के साथ उनका पद और प्राधिकरण में कार्यक्ष्ोत्र की जानकारी भी उन्हें देनी है।

आज हो सकती है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

एमराल्ड के दोनों टावर सियान और एपेक्स के ध्वस्तीकरण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। कोर्ट का आदेश था कि 3० नवंबर तक दोनों टावरों को ध्वस्त किया जाए। इसकी निगरानी प्राधिकरण को करनी है और ध्वस्तीकरण का कार्य सुपरटेक को करना है। लेकिन सुपरटेक कार्ययोजना प्रस्तुत नहीं कर सका। ऐसे में दोनों टावरों को नियत समय में नहीं ध्वस्त किया जा सका। बहरहाल, प्राधिकरण ने अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। आज इसकी आखरी तारीख थी। ऐसे में बुधवार को मामले में सुनवाई हो सकती है।

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