Noida News: बिल्डरों के शोषण से निवेशकों के हितों की रक्षा करेगा संयुक्त मोर्चा
मौलिक भारत व दिल्ली एनसीआर की प्रमुख बायर्स व आरडबल्यूए ने बनाया बनाया संयुक्त मोर्चा
Noida News: मौलिक भारत व जिला गौतमबुद्ध नगर (gautambuddha nagar) सहित दिल्ली एनसीआर की प्रमुख आरडबल्यूए व बायर्स एसोसिएशन फोनरवा, नेफोमा, फोना, नोफ़ा, नेफोवा, डीडीआरडबल्यूए, राइस एनजीओ आदि की पहल पर नेताओं-सरकारी बाबुओं- बिल्डरों के गठजोड़ के खिलाफ व आम निवेशकों के हित में समस्याओं के समाधान के लिए कुछ रचनात्मक व सकारात्मक उपाय ढूंढने व सम्मिलित कार्ययोजना बनाने के लिए रविवार को सेक्टर 33 स्थित अग्रसेन में मौलिक जन संवाद का आयोजन किया गया।
जनसंवाद में संस्थाओं ने मिलकर एक 5 सदस्य समिति का गठन किया। समिति जन संवाद में आए सभी सुझावों को समाहित कर एक संयुक्त प्रतिवेदन तैयार करेगी। इस प्रतिवेदन को आगामी कार्यवाही की अपेक्षा के साथ केंद्र व राज्य सरकारों सहित सभी प्राधिकरणों, संवैधानिक संस्थाओं आदि को भेजा जाएगा।
तमाम संवैधानिक शक्तियों के बाद भी प्राधिकरण (pradhikaran) व स्थानीय निकाय बिल्डर प्राजेक्ट्स में अपनी जवाबदेही से हाथ झाड़कर खड़े रहते हैं। यह संविधान की मूल भावना के विपरीत है। सभी संस्थाएं नियमित रूप से मिलती रहेंगी। नेताओं-सरकारी बाबुओं- बिल्डरों के गठजोड़ के ख़िलाफ़ व आम निवेशकों के हित में मिलकर संघर्ष करेंगी। संस्थाओं का मानना है कि केंद्र, राज्यों, प्राधिकरणों, स्थानीय निकायों सभी के नियमो व कार्यप्रणाली में व्यापक अस्पष्टता, ख़ामियाँ व अधूरापन है जिससे जहां बिल्डरों को फायदा मिलता है।
आलम यह है कि देशभर में और विशेषकर गौतमबुद्ध नगर (gautambuddha nagar) में सैकड़ों बिल्डर प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। जिन में फ़्लैट दिए भी गए हैं उनमें भी नियम कानूनों का उल्लंघन व घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग के साथ ही निवेशक से किए गए अधिकांश वादों को पूरा नहीं किया गया। संयुक्त मोर्चा (sanyukt morcha) इन दोनों ही समस्याओं पर मिलकर संघर्ष करेगा। मौलिक जनसंवाद में उभर कर आया कि देश में सबसे ज़्यादा भूमि व बिल्डर संबंधी घोटाले ही होते हैं। इसलिए इन पर नियंत्रण के लिए एक संवैधानिक और स्वायत्त संस्था की आवश्यकता है।