Noida News: सुपरटेक एमराल्ड मामले की जांच का दायरा SIT ने बढ़ाया, स्पोट्स सिटी में हुआ करोडों रुपयों का हेरफेर
Noida News: उत्तर प्रदेश के नोएडा में एमराल्ड मामले की जांच एसआईटी टीम करेगी। इसके लिए समिति का गठन कर दिया गया है।
Noida News: उत्तर प्रदेश के नोएडा में एमराल्ड मामले की जांच एसआईटी टीम करेगी। इसके लिए समिति का गठन कर दिया गया है। प्राधिकरण से इसकी फाइलों को मंगवाया जा रहा है। यदि एसआईटी की जांच का दायरा बढ़ता है तो इसकी जद में स्पोटर्स सिटी भी आ सकती है। जिसमें अनिमितता के नाम पर करोड़ों रुपए का हेरफेर कर राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया। यहां तक की कई अधिकारियों ने फाइलों पर साइन तक करने से मना कर दिया। बावजूद उनके उपर लगातार दबाव बनाया गया।
कॉमनवेल्थ गेम्स की तर्ज पर नोएडा में खेलकूद सुविधाओं के विकास के लिए 12 साल पहले स्पोर्टस सिटी योजना बनी। यहां 235 करोड़ रुपए की लागत से खेल सुविधाओं व 125 करोड़ से अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाना था। जिनमें आउटडोर व इंडोर दोनों खेल सम्मिलित किए गए। थर्ड पार्टी इंट्रेस्ट के चलते ही इन सुविधाओं को विकसित नहीं किया जा सका। यह योजना अब भी अधूरी है। जिसे 2021 में प्राधिकरण विकसित करने का प्रयास कर रही है।
प्राधिकरण की 121 वीं बैठक में नोएडा में खेलकूद की सुविधाओं का विकास करने का निर्णय
प्राधिकरण की 121वीं बैठक में नोएडा में खेलकूद सुविधाओं का विकास करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए विभिन्न सेक्टरों में 390 हेक्टेयर भूमि नोएडा महायोजन-2021 के प्रारूप में प्रस्तावित की गई। 145वीं बोर्ड बैठक 2007 में 311.60 हेक्टेयर भूमि पर खेलकूद सुविधाओं का विकास करने के लिए स्पोर्टस सिटी योजना प्रस्तावित की गई। 149वीं बोर्ड बैठक 2008 में 346 हेक्टेयर भूमि पर स्पोर्टस सिटी का भू-उपयोग निर्धारित किया गया। साथ ही प्रदेश सरकार से अनुमोदन भी प्राप्त किया गया।
अभी तक अधूरी है परियोजना
प्राधिकरण ने सेक्टर-78,79 व 101 व सेक्टर-150 वर्ष 2014-15 में सेक्टर-150 वर्ष 2015-16 में सेक्टर-152 में स्पोर्ट सिटी योजनाओं की सार्वजनिक सूचनाएं निकाली। लेकिन यह योजना अब तक साकार रूप नहीं ले सकी। यहा करीब 235 करोड़ रुपए की खेल सुविधाओं का विकसित किया जाना था। इसी कॉप्लेक्स में 65 करोड़ में आईटी सेंटर/एडिनिस्ट्रेशन व मीडिया सेंटर का निर्माण होना था। इसी तरह 60 करोड़ में अस्पताल, सीनियर लिविग व मेडिसन सेंटर का निर्माण होना था कुल 360 करोड़ रुपए की लागत से खेल सुविधाएं दी जानी थी। यह परियोजना अब भी पूर्ण नहीं हो सकी है।
आवंटित चार बिल्डरों पर 3911 करोड़ रुपए का बकाया
2014 से 2016 तक चार बड़े बिल्डरों को जमीन आवंटित की गई। थर्ड पार्टी इंट्रेस्ट बढ़ा और बिल्डरों ने आवंटित चार बड़े भूखंडों को 74 उप विभाजित भूखंडों में 61 अन्य बिल्डरों को बेच दिया। विभिन्न मदों में चार मुख्य बिल्डरों पर 3911.07 करोड़ रुपए का बकाया है। यह बकाया 31 जुलाई 2020 तक किए गए आकलन के अनुसार है।