Noida News: नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर मामले में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, मुकेश गोयल निलंबित, SIT जांच के आदेश

Noida News: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट मामले में योगी सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन नियोजन प्रबंधक मुकेश गोयल को निलंबित कर दिया है।

Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-09-02 09:17 GMT

सीएम योगी आदित्यनाथ और सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट की तस्वीर 

लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट मामले में योगी सरकार ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन नियोजन प्रबंधक मुकेश गोयल को निलंबित कर दिया है। ये निलंबन आदेश अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविंद कुमार ने जारी किया है।

मुकेश गोयल अभी गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) में इसी पद पर तैनात थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए जांच के लिए तत्काल शासन स्तर पर एसआईटी गठित करने और वर्ष 2004 से 2017 तक इस प्रकरण से जुड़े रहे प्राधिकरण के अफसरों की सूची बनाकर जवाबदेही तय करने को कहा है। सीएम योगी ने इसमें शामिल दोषी अफसरों के खिलाफ समयबद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

अफसरों की मिलीभगत का पर्दाफाश होने पर सरकार ने दिए जांच के आदेश 

बता दें नोएडा सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट मामले में बिल्डर और नोएडा विकास प्राधिकरण के अफसरों की मिलीभगत का पर्दाफाश होने के बाद इस पूरे मामले की जांच सरकार करा रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में प्राधिकरण की ओर से पैरवी की जिम्मेदारी संभाल रहे तत्कालीन नियोजन प्रबंधक मुकेश गोयल उच्च अधिकारियों से तथ्य छिपाने के दोषी पाए गए हैं। उनकी संदिग्ध भूमिका सामने आते ही शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया है।

ये है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?

सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के 40 फ्लोर वाले ट्विन टावर को अवैध करार देते हुए तीन महीने के भीतर गिराने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्विन टावर में जो भी फ्लैट खरीदार हैं। उन्हें दो महीने के भीतर उनके पैसे रिफंड किए जाएं। इस रकम पर 12 फीसदी ब्याज का भी भुगतान किया जाए। इस बीच सुपरटेक ने कहा है कि हम फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन डालेंगे।

नोएडा सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट टॉवर की बिल्डिंग की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

बता दें इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में ट्विन टावर तोड़ने का आदेश दिया था। जिसके बाद सुपरटेक ने उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है।

2006 में अलॉट हुई थी जमीन

बता दें कि 2006 में नोएडा अथॉरिटी ने सुपरटेक को 17.29 एकड़ (लगभग 70 हजार वर्ग मीटर) जमीन सेक्टर-93 में अलॉट की थी। एमराल्ड कोर्ट ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत 15 टावरों का निर्माण किया। सुपरटेक बिल्डर ने 2009 में रिवाइज्ड प्लान जमा कराया।

बिल्डर ने इस दौरान सियान और एपेक्स के नाम से दो टावरों के लिए एफएआर खरीदा। बिल्डर ने इन दोनों टावरों के लिए 24 फ्लोर का प्लान मंजूर करा लिया। इस पर बिल्डर ने 40 फ्लोर के हिसाब से 857 फ्लैट बनाने शुरू कर दिए। इनमें 600 फ्लैट की बुकिंग हो गई।

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